असम में बाढ़ की स्थिति: 16 जिलों में 5.6 लाख लोग प्रभावित
ब्रह्मपुत्र घाटी में जलस्तर में गिरावट
ब्रह्मपुत्र घाटी में नदियों का जलस्तर कम हो रहा है, जिससे बाढ़ का प्रभाव थोड़ा कम हुआ है। हालांकि, बराक घाटी, विशेषकर श्रीभूमि जिले में बाढ़ की स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है। आज सुबह सीडब्ल्यूसी की रिपोर्ट के अनुसार, धुबरी में ब्रह्मपुत्र नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है, जबकि डिब्रूगढ़ से गुवाहाटी तक जलस्तर में कमी आई है। पिछले 24 घंटों में दो और मौतें हुई हैं, जिससे कुल मृतकों की संख्या 16 हो गई है।
असम में बाढ़ की गंभीरता
असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है, जिसमें 16 जिलों में 5.6 लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। एक आधिकारिक बुलेटिन के अनुसार, बृहस्पतिवार को दो लोगों की मौत के बाद इस वर्ष बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 21 हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि बाढ़ ने वन्य जीवों को भी प्रभावित किया है, और मोरीगांव जिले में पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा जलमग्न हो गया है।
गरज के साथ बारिश का पूर्वानुमान
गुवाहाटी क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने शुक्रवार को राज्य के 18 जिलों में गरज के साथ बारिश की संभावना जताई है। मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा इस सप्ताह दूसरी बार बराक घाटी का दौरा करेंगे, जहां बाढ़ से तीन जिले सबसे अधिक प्रभावित हैं। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अनुसार, 16 जिलों के 57 राजस्व क्षेत्र और 1,406 गांव बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं, जिससे 5,61,644 लोग प्रभावित हुए हैं।
राहत कार्य और विस्थापन
41,000 से अधिक विस्थापितों को 175 राहत शिविरों में शरण दी गई है, और 210 राहत केंद्र भी कार्यरत हैं। एएसडीएमए ने बताया कि राज्य आपदा मोचन बल ने श्रीभूमि जिले में लोगों को निकालने का अभियान शुरू किया है। बुलेटिन में यह भी कहा गया है कि दो जिलों में 3,348 लोग 'शहरी बाढ़' से प्रभावित हैं।
वन्यजीवों की सुरक्षा के उपाय
अधिकारियों ने बताया कि ब्रह्मपुत्र और कोपिली नदियों के जल से पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य बुरी तरह प्रभावित हुआ है। बाढ़ के कारण गैंडों और अन्य वन्यजीवों को ऊंचे स्थानों पर शरण लेनी पड़ी है। वन विभाग ने वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें भोजन उपलब्ध कराना और शिकारी की गतिविधियों पर नजर रखना शामिल है। अभयारण्य में गश्त बढ़ा दी गई है, विशेषकर रात के समय।