असम में ट्रेन और हाथियों के बीच भयानक टक्कर, आठ हाथियों की मौत
हादसे का विवरण
शनिवार की सुबह असम के होजई जिले में एक गंभीर दुर्घटना हुई, जिसमें सैरांगनई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस की चपेट में आने से आठ जंगली हाथियों की जान चली गई। यह घटना उस समय हुई जब हाथियों का एक समूह रेलवे ट्रैक पार कर रहा था। टक्कर इतनी भयंकर थी कि ट्रेन का इंजन और पांच डिब्बे पटरी से उतर गए।
ट्रेनों की सेवाओं पर असर
इस दुर्घटना के परिणामस्वरूप पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) की नौ ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है, जबकि 13 ट्रेनों को नियंत्रित किया गया है और दो को शॉर्ट-टर्मिनेट किया गया है। हादसे का कारण कुहासा बताया जा रहा है, जिससे ट्रेन के चालक को हाथियों को देखने में कठिनाई हुई।
हाथियों की सुरक्षा पर सवाल
इस घटना ने हाथियों की सुरक्षा को लेकर फिर से चिंता बढ़ा दी है। रेलवे ने हाथी-प्रवासी क्षेत्रों में सुरक्षा के लिए कई उपाय किए हैं, जैसे कि हाथियों के लिए कॉरिडोर बनाना और ट्रेन की गति सीमित करना।
पिछले हादसे और संवेदनशील रूट
यह पहली बार नहीं है जब ट्रेन और हाथियों के बीच टक्कर हुई है। भारत के विभिन्न हिस्सों में, जैसे असम, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, और झारखंड में कई बार ऐसे हादसे हो चुके हैं। इन क्षेत्रों में हाथियों के लिए संवेदनशील रेलवे रूट्स हैं, जहां अक्सर टकराव की घटनाएं होती हैं।
ट्रेन और हाथियों के टकराने के कारण
विशेषज्ञों का कहना है कि जंगलों से गुजरने वाले ट्रैक हाथियों के आवागमन के रास्ते में आते हैं, जिससे टकराव की संभावना बढ़ जाती है। सर्दियों में कुहासा और कम विजिबिलिटी भी हादसों का कारण बनते हैं।
सुरक्षा उपाय
हाथियों के साथ टकराव को रोकने के लिए AI-आधारित चेतावनी प्रणाली और डिटेक्शन टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है। इसके अलावा, हाथी गलियारों में इंट्रूजन डिटेक्शन सिस्टम भी स्थापित किया गया है।