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असम में आधार कार्ड नियमों में बदलाव, अवैध घुसपैठ पर अंकुश लगाने की कोशिश

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए वयस्कों के लिए आधार कार्ड जारी करने के नियमों को सख्त करने का प्रस्ताव रखा है। नए नियमों के तहत आधार कार्ड केवल पूर्ण सत्यापन के बाद जारी किए जाएंगे, जिससे अवैध विदेशियों की पहचान करना और उन्हें देश से बाहर निकालना आसान होगा। इसके अलावा, जन्म प्रमाणपत्र की प्रक्रिया को भी सख्त किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने हाल ही में 20 बांग्लादेशियों को निर्वासित करने की जानकारी दी और कहा कि यह कदम अवैध घुसपैठियों के खिलाफ उनकी निरंतर कोशिशों का हिस्सा है।
 

मुख्यमंत्री का नया प्रस्ताव

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शुक्रवार को बताया कि बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ को रोकने के लिए सरकार वयस्कों के लिए आधार कार्ड जारी करने के नियमों को सख्त करने पर विचार कर रही है।


उन्होंने कहा कि नए नियमों के तहत आधार कार्ड केवल पूर्ण सत्यापन के बाद ही जारी किए जाएंगे, जिससे अवैध विदेशियों की पहचान करना और उन्हें देश से बाहर निकालना आसान होगा।


शर्मा ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, "आज हमने एक प्रस्ताव पर चर्चा की, जिसके अनुसार वयस्कों के लिए आधार कार्ड जारी करने की प्रक्रिया को कड़ा किया जाएगा। कैबिनेट जल्द ही इस पर निर्णय लेगी।"


आधार कार्ड की प्रक्रिया में बदलाव

मुख्यमंत्री ने बताया कि असम में लगभग सभी वयस्कों के पास आधार कार्ड हैं। उन्होंने कहा, "यदि कोई वयस्क आधार कार्ड के लिए आवेदन करता है, तो हम उसकी गहन जांच करेंगे। नए नियम लागू होने के बाद केवल जिला आयुक्त को आधार कार्ड जारी करने का अधिकार होगा।"


उन्होंने यह भी कहा कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि कोई अवैध आव्रजक आधार कार्ड प्राप्त न कर सके, जिससे उनकी पहचान करना और उन्हें वापस भेजना संभव होगा।


योग्य नागरिकों को आधार कार्ड के लिए आवेदन करने का अवसर दिया जाएगा, और उपायुक्त को इस प्रक्रिया के लिए अधिकृत किया जाएगा।


जन्म प्रमाणपत्र की प्रक्रिया में भी बदलाव

मुख्यमंत्री ने कहा कि जन्म प्रमाणपत्र प्राप्त करने की प्रक्रिया को भी सख्त किया जाएगा, और जिलाधिकारी को प्रमाणपत्र जारी करने का प्राधिकारी नियुक्त किया जाएगा।


हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण नहीं है, लेकिन इसका उपयोग कई आधिकारिक कार्यों में किया जाता है, जैसे कि मतदाता सूची में नाम दर्ज कराना और बैंक खाता खोलना।


उन्होंने कहा, "यदि हम आधार कार्ड को ब्लॉक कर सकते हैं, तो हम अन्य दस्तावेजों के जारी होने पर भी रोक लगा सकते हैं। हमारी समस्या अवैध विदेशियों से है।"


घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई

मुख्यमंत्री ने कहा कि नियमों को कड़ा करने से अवैध घुसपैठियों की पहचान और उन्हें वापस भेजने में मदद मिलेगी।


उन्होंने बताया कि हाल ही में 20 बांग्लादेशियों को निर्वासित किया गया है, और आधार जारी करने के नियमों में बदलाव इस दिशा में उनके प्रयासों को और मजबूत करेगा।


इसके अलावा, मंत्रिमंडल ने मोरान और मटक समुदायों की स्वायत्त परिषदों के नियमों में बदलाव को मंजूरी दी है, जिससे अब केवल इन समुदायों के लोग ही परिषद के चुनावों में मतदान कर सकेंगे।