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असम में अफ्रीकन स्वाइन फीवर के बढ़ते मामलों के बीच सुअरों की आवाजाही पर प्रतिबंध

असम सरकार ने अफ्रीकन स्वाइन फीवर के मामलों में खतरनाक वृद्धि के कारण सुअरों की अंतर-जिला आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस बीमारी ने राज्य के सुअर पालन उद्योग को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। अधिकारियों ने बताया कि सात जिलों में सुअर के मांस की बिक्री पर भी रोक लगाई गई है। जानें इस स्थिति के पीछे के कारण और सरकार के उठाए गए कदमों के बारे में।
 

असम सरकार का सुअरों की आवाजाही पर प्रतिबंध

असम सरकार ने राज्य में 'अफ्रीकन स्वाइन फीवर' (एएसएफ) के मामलों में गंभीर वृद्धि के चलते सुअरों की अंतर-जिला आवाजाही पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।


पशुपालन और पशु चिकित्सा विभाग द्वारा रविवार को जारी एक आदेश में बताया गया है कि एएसएफ के अधिक मामलों वाले सात जिलों में सुअर के मांस की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगाया गया है।


आदेश में उल्लेख किया गया है कि अफ्रीकन स्वाइन फीवर की 100 प्रतिशत मृत्यु दर ने राज्य के सुअर पालन उद्योग को बुरी तरह प्रभावित किया है।


इस वर्ष जनवरी से एएसएफ के मामलों में चिंताजनक वृद्धि देखी गई है, जिसमें 297 केंद्रों की पहचान की गई है, जिनमें से सात जिलों में अधिक मामले सामने आए हैं। ये जिले हैं धेमाजी, कामरूप, लखीमपुर, शिवसागर, दरांग, जोरहाट और डिब्रूगढ़।


आदेश के अनुसार, स्थिति को ध्यान में रखते हुए और पशुओं में संक्रामक एवं संचारी रोगों की रोकथाम और नियंत्रण अधिनियम, 2009 के तहत, राज्य में जीवित सुअरों की अंतर-जिला आवाजाही पर तत्काल प्रभाव से और अगली सूचना तक रोक लगाई गई है, ताकि रोग के फैलाव को रोका जा सके।