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असम के स्कूल में छात्राओं के बेहोश होने की रहस्यमय घटना

असम के करीमगंज जिले के एक स्कूल में गुणोत्सव कार्यक्रम के दौरान छात्राओं के बेहोश होने की अजीब घटना सामने आई है। स्थानीय विधायक ने बताया कि 50 छात्राएं बेहोश हुईं, जिनमें से कुछ को अस्पताल में भर्ती कराया गया। चिकित्सकों का कहना है कि यह मानसिक समस्या हो सकती है, जबकि स्थानीय लोग इसे भूतों से जोड़ रहे हैं। स्कूल प्रशासन ने घटना की जांच के लिए स्कूल को तीन दिनों के लिए बंद कर दिया है। जानें इस रहस्यमय घटना के बारे में और क्या कहा जा रहा है।
 

गुवाहाटी में अजीब घटना


गुवाहाटी। असम के करीमगंज जिले के एक विद्यालय में एक अजीब घटना घटित हुई है। यहां सरकार द्वारा आयोजित गुणोत्सव कार्यक्रम के दौरान अचानक कई छात्राएं बेहोश होकर गिरने लगीं। पहले वे चिल्लाने लगीं और फिर जमीन पर लोटने लगीं। चिकित्सकों का मानना है कि यह एक मानसिक समस्या है, जिसे हिस्टीरिया कहा जाता है। वहीं, स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह सब भूतों के कारण हो रहा है, क्योंकि पहले यहां दो लोगों की मृत्यु हो चुकी है।


स्थानीय विधायक ने जानकारी दी कि इस घटना में 50 छात्राएं बेहोश हुईं, जिनमें से कुछ को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जबकि कुछ बिना इलाज के ठीक हो गईं। उन्होंने कहा कि इस घटना के कारणों के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। स्थानीय प्रशासन ने डर के माहौल को देखते हुए गुणोत्सव कार्यक्रम को फिलहाल स्थगित कर दिया है।


प्रार्थना के समय की घटना

रामकृष्ण नगर के रामकृष्णनगर विद्यापीठ में यह घटना हुई। शिक्षकों ने बताया कि कुछ छात्राएं अजीब व्यवहार कर रही थीं। जब वे बेहोश हुईं, तो उन्हें अस्पताल ले जाया गया। अगले दिन सुबह की प्रार्थना के समय भी कुछ छात्राएं इसी तरह बेहोश हो गईं। इससे अन्य छात्रों में डर का माहौल बन गया है और वे स्कूल आने से हिचकिचा रहे हैं।


प्रशासन ने बताया कि इस समस्या से प्रभावित अधिकांश छात्राएं 5वीं से 9वीं कक्षा की हैं। उन्हें तुरंत रामकृष्णनगर सिविल हॉस्पिटल में भर्ती किया गया। गुणोत्सव कार्यक्रम के एक मूल्यांकनकर्ता दीपांकर दास ने कहा कि प्रार्थना के समय दो छात्राएं अचानक गिरने लगीं। शिक्षकों ने उन्हें शांत करने की कोशिश की, लेकिन अन्य छात्राएं भी इसी तरह की हरकत करने लगीं।


जांच और स्थानीय प्रतिक्रिया

अडिशनल डिस्ट्रिक्ट कमिश्नर करीमगंज ध्रुवज्योति पाठक ने अपनी टीम के साथ छात्राओं को अस्पताल पहुंचाया। चिकित्सकों का कहना है कि यह एक मनोवैज्ञानिक समस्या हो सकती है। पाठक ने कहा कि इसे मास हिस्टीरिया नहीं कहा जा सकता, लेकिन यह मानसिक दबाव के कारण हो सकता है। कई छात्राओं को प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। अभिभावकों और स्थानीय लोगों ने गुणोत्सव कार्यक्रम को बंद करने की मांग की है। डिस्ट्रिक्ट कमिश्नर मृदुल यादव ने कहा कि गुणोत्सव को रोकने के बाद स्कूल को तीन दिनों के लिए बंद कर दिया गया है, ताकि इस घटना की जांच की जा सके।


कई अभिभावक और स्थानीय लोग मानते हैं कि यह सब भूतों के कारण हो रहा है। उन्होंने स्कूल परिसर में कीर्तन और पूजा-पाठ भी करवाए हैं। उनका कहना है कि स्कूल में हुई दो मौतों की आत्माएं अब भी भटक रही हैं। हालांकि, स्कूल प्रशासन ने इन दावों को खारिज कर दिया है।