×

असम के मुख्यमंत्री का विवादास्पद बयान: हिंदू दंपतियों से अधिक बच्चे पैदा करने की अपील

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने हिंदू दंपतियों से एक से अधिक बच्चे पैदा करने की अपील की है, जिससे एक नया विवाद उत्पन्न हुआ है। उन्होंने कहा कि हिंदुओं में जन्म दर घट रही है, जबकि अल्पसंख्यक क्षेत्रों में यह अधिक है। सरमा ने बांग्लादेशी मूल के मिया मुस्लिमों की बढ़ती जनसंख्या पर भी चिंता जताई। उनका मानना है कि यदि उनकी जनसंख्या 50 प्रतिशत से अधिक हो गई, तो पूर्वोत्तर भारत स्वतः ही बांग्लादेश में मिल जाएगा। इस बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है।
 

मुख्यमंत्री की विवादास्पद अपील

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने हाल ही में राज्य के हिंदू दंपतियों से आग्रह किया है कि वे एक से अधिक बच्चे पैदा करें, जिससे एक नया विवाद उत्पन्न हो गया है। उनका कहना है कि हिंदुओं में जन्म दर धार्मिक अल्पसंख्यक क्षेत्रों की तुलना में कम हो रही है। पत्रकारों से बातचीत करते हुए सरमा ने बताया कि अल्पसंख्यक क्षेत्रों में जन्म दर अधिक है, जबकि हिंदुओं में यह लगातार घट रही है।


उन्होंने कहा कि यही कारण है कि उन्होंने हिंदू परिवारों से अधिक बच्चे पैदा करने की अपील की है। सरमा ने कहा कि हम हिंदू समुदाय से अनुरोध कर रहे हैं कि वे एक बच्चे पर न रुकें और कम से कम दो बच्चे पैदा करें। जो लोग सक्षम हैं, वे तीन बच्चे भी पैदा कर सकते हैं। इसके साथ ही, उन्होंने मुस्लिम समुदाय से आग्रह किया कि वे सात-आठ बच्चे पैदा न करें।


इससे पहले, 27 दिसंबर को, सरमा ने राज्य में जनसंख्या के रुझानों पर चर्चा की और कहा कि बांग्लादेशी मूल के मिया मुस्लिमों की जनसंख्या 2027 की जनगणना में 40 प्रतिशत तक पहुंच सकती है। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने अखिल असम छात्र संघ (एएएसयू) से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी, तब उनकी जनसंख्या 21 प्रतिशत थी, जो 2011 की जनगणना में बढ़कर 31 प्रतिशत हो गई।


सरमा ने कहा कि उनकी जनसंख्या 40 प्रतिशत से अधिक होने वाली है और यह दिन दूर नहीं जब असम की भावी पीढ़ी अपनी जनसंख्या को 35 प्रतिशत से नीचे होते हुए देखेगी।


उन्होंने यह भी कहा कि बांग्लादेश अक्सर पूर्वोत्तर भारत को अलग करके अपने देश में मिलाने की बात करता है। उनका मानना है कि एक बार उनकी जनसंख्या 50 प्रतिशत से अधिक हो जाने पर यह स्वतः ही उनके पास आ जाएगा। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस प्रवक्ता द्वारा मुसलमानों के लिए 48 विधानसभा सीटें आरक्षित करने की मांग का भी उल्लेख किया और कहा कि इस पर पार्टी की ओर से कोई विरोध नहीं हुआ।