अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर आर्थिक धोखाधड़ी का आरोप, ED की जांच में गिरफ्तार चेयरमैन
अल-फलाह यूनिवर्सिटी की जांच
अल-फलाह यूनिवर्सिटी
प्रवर्तन निदेशालय ने अल-फलाह ग्रुप के चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत गिरफ्तार किया है। जांच में कई सबूत मिले हैं, जो दर्शाते हैं कि छात्रों की फीस और अन्य धनराशि का दुरुपयोग किया गया। कई लोगों का मानना है कि वित्तीय निर्णयों में गिरफ्तार आरोपी का प्रमुख हाथ था।
उदाहरण के लिए, अल-फलाह यूनिवर्सिटी के लीगल और चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर मोहम्मद राज़ी ने बताया कि वे सीधे चेयरमैन को रिपोर्ट करते थे और सभी वित्तीय मामलों का अंतिम निर्णय उसी के द्वारा लिया जाता था।
गड़बड़ियों का खुलासा
वित्तीय जांच में गड़बड़ियों का खुलासा
अल-फलाह चेरिटेबल ट्रस्ट और इससे जुड़े संस्थानों में बड़े पैमाने पर कथित गड़बड़ियों का पता चला है। जांच में यह सामने आया कि सभी संस्थानों के बैंक खाते एक ही PAN पर चल रहे हैं, जो आर्थिक नियंत्रण के एक ही हाथ में होने का संकेत देता है।
ITR में चौंकाने वाले आंकड़े
ITR में चौंकाने वाले आंकड़े
जांच एजेंसियों ने 2014-15 से 2024-25 तक के आयकर रिकॉर्ड की जांच की। इसमें ट्रस्ट ने 2014-15 और 2015-16 में क्रमशः ₹30.89 करोड़ और ₹29.48 करोड़ की कमाई दिखाई। इसके बाद, आय को शैक्षणिक कमाई बताकर दिखाना शुरू किया गया।
फर्जी मान्यता और धोखाधड़ी का शक
फर्जी मान्यता और धोखाधड़ी का शक
जांच एजेंसियों का कहना है कि ट्रस्ट ने कई वर्षों तक मान्यता के बिना संस्थान चलाए और छात्रों से पूरी फीस वसूली। यह धोखाधड़ी और जालसाजी के दायरे में आता है।
रिमांड पर भेजा गया
रिमांड पर भेजा गया
जवाद अहमद सिद्दीकी को छापेमारी के दौरान मिली जानकारी के आधार पर गिरफ्तार किया गया। उन्हें 13 दिन की प्रवर्तन निदेशालय रिमांड पर भेजा गया है, जो 1 दिसंबर तक जारी रहेगा।