अल फलाह यूनिवर्सिटी के मालिक जवाद अहमद सिद्दीकी की कहानी: ठगी और जेल
इंदौर में अल फलाह यूनिवर्सिटी का विवाद
अल फलाह यूनिवर्सिटी के मालिक जवाद अहमद सिद्दीकी के बारे में कई सवाल उठ रहे हैं। महू में रहने वाले जवाद का एक भव्य निवास है, जिसे छोड़कर उनका परिवार कहीं और चला गया है।
इस निवास में जवाद ने एक प्राइवेट बैंक का संचालन किया था और लोगों को पैसे डबल करने का लालच देकर ठगी की। इसी मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, जिसके बाद वे शहर छोड़कर भाग गए।
जवाद सिद्दीकी की ठगी की कहानी
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, जवाद के तीन भाई हैं और उनके पिता शहर के काजी रहे हैं, जिससे परिवार की अच्छी प्रतिष्ठा थी। इस भरोसे के चलते लोगों ने उनके बैंक में पैसे निवेश किए, लेकिन जब पैसे लौटाने में विफल रहे, तो जवाद ने शहर छोड़ दिया।
जवाद अहमद सिद्दीकी करोड़ों की ठगी के मामले में आरोपी हैं। महू के पति बाजार में उनके द्वारा चलाए गए अल-फलाह और अल-फहद बैंक के नाम से फर्जी संस्थाएं थीं। उन्होंने लोगों को अधिक मुनाफे का लालच देकर करोड़ों रुपये हड़प लिए और फिर रातों-रात भाग गए। जवाद को धोखाधड़ी के मामले में छह साल की सजा हुई, जबकि उनके भाई हमूद को भी लंबे समय तक जेल में रहना पड़ा।
जवाद का घर और पुलिस की कार्रवाई
जवाद का निवास शहर में मौलाना की बिल्डिंग के नाम से जाना जाता है। साल 2000 में इस मामले में धोखाधड़ी का केस दर्ज हुआ था, जिसके बाद पुलिस ने बिल्डिंग को सील कर दिया। जवाद का छोटा भाई अफ्फाम बाद में अपनी मां के साथ उसी स्थान पर रहने लगा, लेकिन चार साल पहले उन्होंने वह संपत्ति बेच दी और दिल्ली चले गए।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जवाद के परिवार ने अब उस संपत्ति को बेच दिया है और पिछले चार वर्षों से उनका कोई भी सदस्य वहां नहीं आया है। मामले के उजागर होने के बाद पुलिस ने कुछ लोगों से पूछताछ की है जो जवाद के संपर्क में थे। हालांकि, पुलिस ने अभी तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। ग्रामीण एसपी ने कहा है कि जांच जारी है।