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अल-फलाह यूनिवर्सिटी के भविष्य पर हरियाणा सरकार का निर्णय

हरियाणा के फरीदाबाद में स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी के भविष्य का निर्णय अब राज्य सरकार के हाथ में है। नेशनल मेडिकल काउंसिल (NMC) ने आश्वासन दिया है कि छात्रों की पढ़ाई और करियर सुरक्षित रहेंगे। हाल ही में, ED ने यूनिवर्सिटी के चेयरमैन को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया है। जानें इस मामले में क्या हो रहा है और छात्रों के लिए क्या विकल्प उपलब्ध हैं।
 

अल-फलाह यूनिवर्सिटी का मामला

अल-फलाह यूनिवर्सिटी

फरीदाबाद, हरियाणा में स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी के भविष्य का निर्णय अब हरियाणा सरकार के हाथ में है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, यह विश्वविद्यालय हरियाणा प्राइवेट यूनिवर्सिटी एक्ट के अंतर्गत आता है। राज्य और केंद्र के इनपुट के बाद, नेशनल मेडिकल काउंसिल (NMC) यह तय करेगा कि अल-फलाह मेडिकल कॉलेज का आगे क्या होगा। जांच का मुख्य ध्यान इसी पर है। NMC ने आश्वासन दिया है कि निर्दोष छात्रों की पढ़ाई और करियर सुरक्षित रहेंगे और उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस संबंध में जल्द ही NMC के नए दिशानिर्देश जारी किए जाएंगे।

सूत्रों के अनुसार, अल-फलाह मेडिकल कॉलेज का भविष्य चल रही राष्ट्रीय स्तर की जांच पर निर्भर करता है। कॉलेज को 2019 में मंजूरी मिली थी और यह अन्य प्राइवेट कॉलेजों की तुलना में कम फीस लेता है, जिसके कारण इसके लिए एडमिशन की मांग अधिक है।


छात्रों के लिए नए विकल्प

नए सत्र में छात्रों को कहीं और कर सकते हैं शिफ्ट

कम फीस के कारण, कॉलेज ने 2025-2026 शैक्षणिक सत्र के लिए 150 MBBS सीटें भर दी हैं। NMC ने यह भी आश्वासन दिया है कि इन छात्रों के भविष्य पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। सूत्रों के अनुसार, NMC यह सुनिश्चित करेगा कि बेगुनाह मेडिकल छात्रों की सुरक्षा बनी रहे और उनके शैक्षणिक भविष्य पर कोई असर न पड़े।

आने वाले दिशा-निर्देशों में मेडिकल संस्थानों और डॉक्टरों को सामाजिक जिम्मेदारी निभाने और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों से दूर रहने की सलाह दी जाएगी। सूत्रों के अनुसार, NMC अल-फलाह यूनिवर्सिटी के छात्रों के भविष्य को लेकर चिंतित है। नए सत्र में दाखिला लेने वाले छात्रों को कहीं और शिफ्ट करने पर विचार किया जा रहा है, जिसके लिए बड़े स्तर पर NMC में बैठकों का दौर जारी है।


मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी

हाल ही में, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अल-फलाह ग्रुप के चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी को मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया है। उन्हें प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 के सेक्शन 19 के तहत गिरफ्तार किया गया है। सिद्दीकी को पहले की गई तलाशी के दौरान मिले सबूतों की विस्तृत जांच के बाद गिरफ्तार किया गया। ED अल-फलाह यूनिवर्सिटी के संबंध में कई तरीकों से जांच कर रही है, जिसमें अल-फलाह ट्रस्ट और उससे जुड़ी फर्मों के प्रशासनिक और वित्तीय सिस्टम की जांच शामिल है।