अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण का महत्व
ध्वजारोहण की पवित्रता
क्यों पवित्र है मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण?Image Credit source: AI
ध्वजारोहण का धार्मिक महत्व
किसी भी मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वज का स्थापित होना केवल एक रस्म नहीं है, बल्कि इसका गहरा धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। शास्त्रों और सनातन परंपरा में ध्वजारोहण को पवित्र माना गया है।
दैवीय ऊर्जा का प्रवेश द्वार
सनातन मान्यताओं के अनुसार, मंदिर का शिखर वह सर्वोच्च बिंदु है, जहां से दैवीय ऊर्जा मंदिर में प्रवेश करती है। यह ध्वज, जो मंदिर के ऊपर फहराया जाता है, ब्रह्मांडीय ऊर्जा और गर्भगृह के बीच एक संपर्क सूत्र का कार्य करता है।
मंदिर का रक्षक
धर्म ध्वज को मंदिर का ‘रक्षक’ माना जाता है। यह नकारात्मक शक्तियों और बुरी ऊर्जाओं से मंदिर और उसके आस-पास के क्षेत्र को सुरक्षित रखता है।
निर्माण कार्य की पूर्णता
ध्वजारोहण किसी भी मंदिर के निर्माण कार्य की पूर्णता का अंतिम प्रतीक होता है। यह दर्शाता है कि मंदिर भक्तों के लिए दैवीय चेतना का केंद्र बन गया है।
आस्था की विजय का प्रतीक
सदियों के संघर्ष के बाद, इस भव्य मंदिर का निर्माण हुआ है। शिखर पर लहराता भगवा ध्वज सत्य की विजय और राम भक्तों की भावनाओं का प्रतीक होगा।
राम मंदिर का ‘धर्म ध्वज’
राम मंदिर के शिखर पर फहराया जाने वाला धर्म ध्वज विशेष रूप से तैयार किया गया है। इसका रंग केसरिया होगा और इस पर सूर्य देव का प्रतीक चिह्न अंकित होगा।
ध्वज चढ़ाने की प्रथा
हिंदू धर्म में मंदिर के शिखर पर ध्वज चढ़ाने की परंपरा प्राचीन है। यह देवता की महिमा और शक्ति का प्रतीक होता है।