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अयोध्या में राम मंदिर के लिए कर्नाटक से भेजी गई भव्य प्रतिमा

कर्नाटक के पेजावर मठ के स्वामी विश्व प्रसन्ना तीर्थ के शिष्यों ने अयोध्या के राम मंदिर के लिए एक भव्य प्रतिमा भेजी है। यह प्रतिमा सोने, चांदी और हीरे से बनी है और इसका वजन 5 क्विंटल है। इसे गोस्वामी तुलसीदास के मंदिर के पास स्थापित करने का प्रस्ताव है। जानें इस अद्वितीय भेंट के पीछे की कहानी और इसके महत्व के बारे में।
 

कर्नाटक से भेजी गई अद्वितीय प्रतिमा


अयोध्या: उड्डपी के पेजावर मठ के प्रमुख स्वामी विश्व प्रसन्ना तीर्थ के मार्गदर्शन में उनके शिष्यों ने राम मंदिर के लिए एक अनोखी भेंट भेजी है। यह भेंट प्रभु राम की सोने, चांदी और हीरे से बनी एक भव्य प्रतिमा है, जिसका वजन 5 क्विंटल और आकार 10X8 फीट है।

राम मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने जानकारी दी कि यह प्रतिमा डाक विभाग के माध्यम से भेजी गई है, और इसके बारे में विस्तृत जानकारी जल्द ही उपलब्ध होगी। ज्ञात हुआ है कि इसे राम मंदिर परिसर में गोस्वामी तुलसीदास के मंदिर के पास अंगद टीला के निकट स्थापित करने का प्रस्ताव है। हालांकि, अंतिम निर्णय स्वामी विश्व प्रसन्ना तीर्थ के आगमन पर ही लिया जाएगा।

यह अद्भुत प्रतिमा दक्षिण भारतीय शिल्प कला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जो अपनी चमक के कारण श्रद्धालुओं को आकर्षित करेगी। इसे राम मंदिर को एक विश्व स्तरीय आध्यात्मिक केंद्र के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से भेजा गया है। इसे विशेष अनुष्ठान के साथ स्थापित किया जाएगा और यह कर्नाटक राज्य की ओर से एक सामूहिक भेंट मानी जाएगी।

प्रतिमा के आगमन पर जुटी भीड़
जब प्रतिमा मंदिर परिसर में पहुंची, तो देखने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी। मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय और ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र की उपस्थिति में बड़े बॉक्स को खोला गया, जिससे प्रतिमा का दर्शन किया जा सके। इसके बाद इसे विशेष व्यवस्था के तहत सुरक्षित स्थान पर रखा गया। यह लकड़ी के बड़े बॉक्स में पैक करके भेजी गई थी।