अयोध्या के संतों ने मौलाना अरशद मदनी के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी
मौलाना अरशद मदनी का विवादास्पद बयान
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने हाल ही में एक कार्यक्रम में कहा कि लंदन और न्यूयॉर्क जैसे महानगरों में मुसलमान मेयर बन सकते हैं, लेकिन भारत में ऐसा कोई व्यक्ति विश्वविद्यालय का कुलपति नहीं बन सकता।
उनके इस बयान पर अयोध्या के साधु-संतों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। मदनी ने यह भी कहा कि यदि कोई मुसलमान उच्च पद पर पहुंचता है, तो उसका परिणाम आजम खान जैसा हो सकता है, जिन्हें जेल भेजा गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि देश में धार्मिक आधार पर लोगों को विभाजित किया जा रहा है।
अयोध्या के संत रामविलास वेदांती ने मदनी के बयान का जवाब देते हुए कहा कि भारत में मुसलमानों को जो छूट मिली है, वह अन्य धर्मों के लोगों को नहीं दी गई है।
उन्होंने कहा कि मुसलमानों के पास विधायक और सांसद हैं, और यदि उन्हें दबाया जाता, तो वे चुनाव नहीं जीतते। वेदांती ने यह भी कहा कि मुसलमान इस देश में मदरसे खोल रहे हैं और उन पर कोई रोक नहीं है।
उन्होंने यह भी कहा कि मदनी को यह देखना चाहिए कि चीन में मुसलमानों की स्थिति क्या है, जहां सभी मस्जिदें तोड़ दी गई हैं। भारत ही एक ऐसा देश है जहां मुसलमान सड़कों पर नमाज अदा करते हैं।
सीताराम दास महाराज ने भी मदनी के बयान को निंदनीय बताया और कहा कि भारत में सभी मुसलमान खुशी से रहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि विदेशों में मस्जिदों को ध्वस्त किया जाता है, लेकिन इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं होती।