अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में कटौती का भारत पर प्रभाव
अमेरिकी फेडरल रिजर्व का महत्वपूर्ण निर्णय
अमेरिका में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। अमेरिकी केंद्रीय बैंक, फेडरल रिजर्व ने बुधवार को ब्याज दरों में एक बार फिर से कमी की है। यह साल में दूसरी बार है जब ब्याज दर में 25 बेसिस पॉइंट्स, यानी 0.25% की कटौती की गई है। इस निर्णय के बाद, अमेरिका में ब्याज दरें 3.75% से 4.0% के बीच आ गई हैं। फेडरल रिजर्व के इस कदम से अमेरिका में होम लोन, कार लोन और व्यक्तिगत लोन की लागत कम हो जाएगी। लेकिन यह प्रभाव केवल अमेरिका तक सीमित नहीं रहेगा; इसका असर भारत पर भी पड़ेगा। भारतीय शेयर बाजार और कमोडिटी मार्केट भी इस निर्णय से प्रभावित होंगे। अब सवाल यह है कि अमेरिका में ब्याज दरों में कमी का भारत पर क्या प्रभाव पड़ेगा? इस निर्णय के कारण सोने की कीमतों में भी उछाल आ सकता है।
भारत पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व के निर्णय का प्रभाव
फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती से डॉलर की कीमत में गिरावट आ सकती है। सस्ता डॉलर भारत के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। अमेरिकी रेट कट का सीधा असर डॉलर की कमजोरी और वैश्विक तरलता में वृद्धि पर होता है। डॉलर के कमजोर होने से निवेशक बेहतर रिटर्न की तलाश में भारत की ओर आकर्षित हो सकते हैं। भारत जैसे उभरते बाजारों में विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) में वृद्धि हो सकती है, जिससे शेयर बाजार में तेजी आ सकती है। इस प्रकार, अमेरिकी फेडरल रिजर्व के निर्णय से शॉर्ट टर्म में भारतीय शेयर बाजार को समर्थन मिल सकता है।
सोने की कीमतों में संभावित वृद्धि
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के निर्णय का प्रभाव केवल शेयर बाजार पर नहीं, बल्कि सोने की कीमतों पर भी पड़ सकता है। ब्याज दरों में कटौती से डॉलर कमजोर हो सकता है, जिससे निवेशक फिर से सोने की ओर रुख कर सकते हैं। सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की मांग बढ़ सकती है, जिससे कीमतों में तेजी आ सकती है। इसका असर पहले ही दिखाई दे चुका है; 29 अक्टूबर को सोने की कीमतों में तेजी आई, जिसमें सोना एक झटके में 2600 रुपये तक चढ़ गया।
भारत में होम लोन की संभावित कमी
अमेरिकी फेडरल रिजर्व के निर्णय का असर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) पर भी पड़ सकता है। फेड के निर्णय से प्रभावित होकर RBI भी भविष्य में ब्याज दरों में कटौती पर विचार कर सकता है। इसका मतलब यह है कि भारत में होम लोन और कार लोन की लागत भी कम हो सकती है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के रेट कट का भारतीय बाजार के लिए भावनात्मक रूप से सकारात्मक प्रभाव हो सकता है।