अमेरिका ने ईरान से तेल सौदों पर 50 कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध
अमेरिका का नया प्रतिबंध
क्रूड ऑयल एक्सपोर्ट बैन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ के बाद एक बार फिर से प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान विभिन्न देशों पर भारी टैरिफ लगाए और फार्मा क्षेत्र पर भी अतिरिक्त शुल्क लगाया। इसके साथ ही, H-1B वीजा शुल्क में भी वृद्धि की गई। ट्रंप ने भारत पर रूस से तेल खरीदने के आरोप में टैरिफ लगाया और अब ईरान से तेल के निर्यात के चलते 50 भारतीय नागरिकों और कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है।
अमेरिकी वित्त विभाग के ऑफिस ऑफ फॉरेन असेट्स कंट्रोल (OFAC) ने गुरुवार को ईरान से तेल और तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (LPG) के व्यापार में शामिल 50 से अधिक व्यक्तियों, कंपनियों और जहाजों पर प्रतिबंध लगाया है। इनमें कुछ भारतीय नागरिक भी शामिल हैं, जो ईरान के तेल कारोबार से जुड़े थे।
प्रतिबंध का कारण
वित्त विभाग का कहना है कि इन व्यक्तियों ने मिलकर अरबों डॉलर के तेल और LPG का निर्यात किया, जिससे ईरान को भारी लाभ हुआ। इस धन का उपयोग ईरान ने उन आतंकवादी संगठनों को समर्थन देने में किया, जो अमेरिका के लिए खतरा हैं। इन प्रतिबंधों का लक्ष्य उन नेटवर्क को निशाना बनाना है, जो सैकड़ों मिलियन डॉलर के ईरानी LPG का परिवहन करते हैं। इसके अलावा, कई छाया बेड़े के जहाज और एक चीनी क्रूड ऑयल टर्मिनल भी शामिल हैं।
वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा कि हम ईरान की तेल निर्यात प्रणाली को कमजोर कर रहे हैं, ताकि उनकी आय में कमी आए और आतंकवादी संगठनों को फंडिंग न मिले। रिलीज के अनुसार, भारतीय नागरिक वरुण पुला, सोनिया श्रेष्ठ और इयप्पन राजा पर ईरानी तेल और LPG के परिवहन में शामिल होने के लिए प्रतिबंध लगाया गया है।
अमेरिका ने संपत्ति को किया फ्रीज
अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने बताया कि इन प्रतिबंधों के कारण इन व्यक्तियों और कंपनियों की अमेरिका में मौजूद सभी संपत्तियों को फ्रीज कर दिया गया है। यदि कोई अमेरिकी या विदेशी नागरिक इन प्रतिबंधों का उल्लंघन करता है, तो उस पर सिविल या क्रिमिनल दंड लगाया जा सकता है। रिलीज में यह भी कहा गया है कि इन प्रतिबंधों का उद्देश्य व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन लाना है। यदि जिन व्यक्तियों या कंपनियों पर प्रतिबंध लगा है, वे चाहें, तो वे कानूनी प्रक्रिया के माध्यम से प्रतिबंध हटवाने का प्रयास कर सकते हैं.