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अमेरिका ने ईरान के मिसाइल कार्यक्रम पर भारत समेत 6 देशों की कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध

अमेरिका ने ईरान के मिसाइल कार्यक्रम में सहायता करने के आरोप में भारत सहित छह देशों की कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। यह कार्रवाई संयुक्त राष्ट्र द्वारा ईरान पर पुनः लगाए गए प्रतिबंधों के समर्थन में की गई है। अमेरिका का यह कदम भारत की कंपनियों के लिए आर्थिक नुकसान का कारण बन सकता है। जानें इस प्रतिबंध के पीछे की वजहें और ट्रंप प्रशासन के एजेंडे के बारे में।
 

अमेरिका का नया प्रतिबंध

डोनाल्ड ट्रंप, खामेनेई


अमेरिका ने ईरान के मिसाइल कार्यक्रम के संदर्भ में भारत सहित छह देशों की कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। यह कार्रवाई ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन निर्माण में सहायता करने के आरोपों के आधार पर की गई है। इन प्रतिबंधों में भारत, चीन, तुर्की और यूएई की 32 कंपनियों और व्यक्तियों का समावेश है। यह कदम संयुक्त राष्ट्र द्वारा ईरान पर पुनः लगाए गए प्रतिबंधों के समर्थन में उठाया गया है।


बुधवार को लागू किए गए इन प्रतिबंधों में भारतीय कंपनियों और व्यक्तियों का नाम भी शामिल है। हालांकि, भारत की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। यह कदम अमेरिका और ट्रंप प्रशासन के बीच चल रही टैरिफ वार्ता के बीच उठाया गया है, जिससे भारतीय कंपनियों को आर्थिक नुकसान हो सकता है।


संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का समर्थन

अमेरिकी विदेश विभाग ने एक बयान में कहा कि यह कार्रवाई सितंबर में ईरान के परमाणु कार्यक्रम के संदर्भ में संयुक्त राष्ट्र द्वारा फिर से लागू किए गए हथियार प्रतिबंधों के समर्थन में है। बयान में कहा गया, "आज की कार्रवाई 27 सितंबर को ईरान पर उसके परमाणु निर्देशों का पालन न करने के जवाब में संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों और प्रतिबंधात्मक उपायों के फिर से लागू होने का समर्थन करती है।"


प्रतिबंधित कंपनियों पर आरोप

अमेरिकी प्रशासन ने जिन कंपनियों और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाया है, उनके नाम सार्वजनिक नहीं किए हैं। लेकिन यह दावा किया गया है कि ये संस्थाएं ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन उत्पादन में सहायता करने वाले कई खरीद नेटवर्क का संचालन कर रही थीं, जिसमें इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) का भी योगदान है। भारत के अलावा, चीन, हांगकांग, यूएई और तुर्की में स्थित संस्थाओं पर भी प्रतिबंध लगाए गए हैं।


ट्रंप प्रशासन का एजेंडा

अमेरिकी सरकार के बयान में कहा गया है, "यह कार्रवाई राष्ट्रपति ट्रंप के राष्ट्रीय सुरक्षा राष्ट्रपति ज्ञापन-2 को आगे बढ़ाने के लिए भी है, जो ईरान के मिसाइलों और अन्य असममित और पारंपरिक हथियार क्षमताओं के आक्रामक विकास का मुकाबला करने के लिए है।"


यह पहली बार नहीं है जब अमेरिका ने ईरान से जुड़े आरोपों के चलते भारतीय संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाए हैं। पिछले महीने, ईरानी ऊर्जा व्यापार को सुविधाजनक बनाने के आरोप में आठ भारतीय नागरिकों और कई भारत-आधारित कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए गए थे। इसी तरह जुलाई में, ईरानी पेट्रोलियम या पेट्रोकेमिकल उत्पादों के व्यापार के आरोप में कम से कम छह भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए गए थे।