अमेरिका का कर्ज संकट: आर्थिक भविष्य पर गंभीर खतरा
अमेरिका पर कर्ज का संकट
अमेरिका पर कर्ज का संकट
जब डोनाल्ड ट्रंप ने “मेक अमेरिका ग्रेट अगेन” का नारा दिया, तब लाखों अमेरिकियों और वैश्विक समुदाय ने एक नई आर्थिक क्रांति की आशा की थी। लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है। अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर एक भारी बोझ बढ़ता जा रहा है, जो इस शक्तिशाली देश के भविष्य को खतरे में डाल रहा है। यह बोझ देश के कुल कर्ज के रूप में सामने आया है, जो अब चिंताजनक स्तर तक पहुंच चुका है।
अमेरिका का कुल कर्ज अब 105.2 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँच गया है। इसे सरल शब्दों में कहें तो यह कर्ज अमेरिका के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का लगभग 3.5 गुना है, जो किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए एक गंभीर चेतावनी है।
फेडरल सरकार का कर्ज लगातार बढ़ रहा है, जिसके कारण हर साल अरबों डॉलर ब्याज में खर्च हो रहे हैं। यह कर्ज केवल सरकार का नहीं है, बल्कि आम नागरिकों की देनदारियों को भी शामिल करता है। कुल कर्ज में संघीय सरकार का हिस्सा 38.2 ट्रिलियन डॉलर है, जो हर साल नए रिकॉर्ड बना रहा है। इसके अलावा, इसमें व्यक्तिगत कर्ज ($26.4 ट्रिलियन), बंधक कर्ज ($21.3 ट्रिलियन) और छात्रों का शिक्षा ऋण ($1.8 ट्रिलियन) भी शामिल हैं।
2028 तक $50 ट्रिलियन के कर्ज में होगा USA
फेडरल सरकार का कर्ज तेजी से बढ़ रहा है, और इसके आंकड़े देखकर स्थिति की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
- अक्टूबर 1995 में यह कर्ज 4.9 ट्रिलियन डॉलर था।
- अक्टूबर 2005 तक यह लगभग दोगुना होकर 8 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच गया।
- अगले दस वर्षों में, अक्टूबर 2015 तक यह आंकड़ा 18.1 ट्रिलियन डॉलर हो गया।
- 2025 में यह तेजी से बढ़कर 38.2 ट्रिलियन डॉलर तक पहुँच गया।
- अनुमान है कि 2028 तक फेडरल गवर्नमेंट का कर्ज 50 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगा।
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि यह वृद्धि यहीं नहीं रुकेगी। सबसे चिंताजनक बात यह है कि इस विशाल कर्ज पर ब्याज चुकाने में हर साल अरबों डॉलर खर्च हो रहे हैं। अमेरिका को प्रतिदिन अरबों डॉलर केवल ब्याज के रूप में चुकाने पड़ते हैं। सोचिए, अगर यह धन सड़कों के निर्माण, शिक्षा में सुधार, स्वास्थ्य सेवाओं या नई तकनीक में निवेश के लिए उपयोग किया जाता, तो अमेरिका की तस्वीर कितनी बदल जाती।