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अमेरिका और भारत के बीच व्यापार वार्ता में रूस के तेल का मुद्दा

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार वार्ता में रूस के तेल खरीद का मुद्दा उठाया गया है, जिससे डील में अड़चन आ रही है। अमेरिका ने भारत से रूस से तेल खरीद को व्यापार समझौते में शामिल करने की कोशिश की है, जबकि भारत ने अतिरिक्त टैरिफ हटाने की मांग की है। दोनों देशों के बीच बातचीत सकारात्मक रही है, लेकिन अमेरिका के सख्त रुख के कारण समझौता फाइनल करने में कठिनाई हो रही है। जानें इस विवाद का विस्तार से।
 

भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता

इंडिया अमेरिक ट्रे़ड टॉक

अमेरिका द्वारा भारत पर टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद से दोनों देशों के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है। हाल ही में छठे दौर की बैठक भी संपन्न हुई। अब खबरें आ रही हैं कि अमेरिका भारत के साथ व्यापार समझौते में रूस के तेल खरीद के मुद्दे को शामिल करना चाहता है, जबकि भारत ने अतिरिक्त टैरिफ हटाने की मांग की है। इस डील में पेंच फंसता हुआ नजर आ रहा है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका ने भारत की ओर से रूस से तेल खरीद को व्यापार वार्ता में शामिल करने का प्रयास किया है, जो कि असामान्य है। मामले से परिचित सूत्रों ने बताया कि अमेरिका ने भारत द्वारा रूस से तेल खरीद को व्यापार समझौते की बातचीत में लाने की कोशिश की है, जबकि भारत के रिफाइनर घरेलू मांग को पूरा करने के लिए आयात बढ़ा रहे हैं।


अमेरिका से व्यापार वार्ता

मंगलवार को अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल, जिसका नेतृत्व असिस्टेंट ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव ब्रेंडन लिंच ने किया, ने भारतीय अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने अपनी पहचान गुप्त रखने का अनुरोध किया क्योंकि यह जानकारी सार्वजनिक नहीं है। यह मांग थोड़ी अजीब है, क्योंकि आमतौर पर किसी देश के तीसरे देश से संबंध द्विपक्षीय व्यापार वार्ता का हिस्सा नहीं होते। भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है। अमेरिकी ट्रेड प्रतिनिधि कार्यालय ने भी कुछ कहने से मना कर दिया।

इस सप्ताह की शुरुआत में अमेरिकी अधिकारियों ने नई दिल्ली में एक दिन की बातचीत के लिए यात्रा की। यह बैठक इसलिए आयोजित की गई थी क्योंकि दोनों देश राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाने के बाद तनाव कम करने का प्रयास कर रहे हैं, जो एशिया में सबसे अधिक टैरिफ में से एक है।


भारत की मांग

सूत्रों के अनुसार, मंगलवार की बैठक में भारत ने रूस से ऊर्जा खरीद पर लगे अतिरिक्त 25% टैक्स को हटाने की मांग की। इससे यह स्पष्ट होता है कि कोई आसान समाधान निकलना मुश्किल है। भारत सरकार ने इन अतिरिक्त टैक्स को अन्यायपूर्ण और बेवजह बताया और रूसी तेल को ऊर्जा सुरक्षा के लिए आवश्यक कहा। एक रिपोर्ट के अनुसार, मानसून के बाद ईंधन की मांग बढ़ने के कारण भारत के रिफाइनर्स रूस से कच्चे तेल की खरीद पर रोक लगाने की कोई योजना नहीं बना रहे हैं और सरकार ने भी ऐसा कोई आदेश नहीं दिया है। मंगलवार की बैठक के बाद दोनों देशों ने कहा कि बातचीत सकारात्मक रही और व्यापार समझौते के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई।


बातचीत में अड़चन

पहले अमेरिका और भारत ने इस साल के अंत तक एक द्विपक्षीय समझौता फाइनल करने का वादा किया था, लेकिन दोनों के अपने-अपने रुख को सख्त करने और ट्रंप द्वारा मॉस्को से संबंधों को लेकर भारत पर दबाव डालने के कारण बातचीत विफल हो गई। वॉशिंगटन भारत के डेयरी और कृषि क्षेत्रों में अधिक पहुंच चाहता है, लेकिन नई दिल्ली इन्हें खोलने के लिए तैयार नहीं है।