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अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु वार्ता: ट्रंप की नई रणनीति

अमेरिकी राष्ट्रपति ईरान के साथ एक नई परमाणु डील की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं। ट्रंप ने इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू को चेतावनी दी है कि वह ईरान पर हमला न करें। IAEA की रिपोर्ट में ईरान के यूरेनियम भंडारण के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है, जो परमाणु हथियार बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है। जानें इस वार्ता के पीछे की रणनीति और इसके संभावित परिणाम।
 

ईरान के साथ परमाणु डील की दिशा में अमेरिका की पहल

अमेरिकी राष्ट्रपति ईरान के साथ एक त्वरित परमाणु समझौते की तलाश में हैं। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के प्रति आक्रामक रुख अपनाया था, और उन्होंने ईरान को परमाणु बम बनाने से रोकने के लिए कई बार धमकियाँ दी थीं। लेकिन अब अमेरिका ओमान की मध्यस्थता से ईरान के साथ बातचीत कर रहा है।


इजराइल के प्रधानमंत्री का विरोध

इस वार्ता पर इजराइल के प्रधानमंत्री ने कई बार अपनी आपत्ति जताई है। ट्रंप ने नेतन्याहू की सलाहों को नजरअंदाज करते हुए ईरान के साथ न्यूक्लियर वार्ता जारी रखी। उन्होंने नेतन्याहू को बार-बार चेतावनी दी कि वह ईरान पर हमला करने या किसी भी ऐसे कदम से बचें जो वार्ता को प्रभावित कर सके। इस स्थिति ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं कि ट्रंप अपने करीबी मित्र नेतन्याहू को ईरान के खिलाफ चेतावनी क्यों दे रहे हैं।


IAEA की रिपोर्ट का महत्व

अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) की हालिया रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि ईरान को बातचीत के माध्यम से परमाणु संपन्न बनने से रोका जा सकता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि ईरान ने 60 प्रतिशत शुद्धता वाला यूरेनियम जमा कर लिया है, जो हथियार-स्तर (90 प्रतिशत) के करीब है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह यूरेनियम अन्य संसाधनों के साथ मिलकर जल्दी ही परमाणु हथियार बनाने में उपयोग किया जा सकता है। इसीलिए ट्रंप वार्ता के माध्यम से ईरान को रोकने का प्रयास कर रहे हैं।