अमित शाह ने नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार इस दिशा में प्रतिबद्ध है और नशीली दवाओं के खतरे के खिलाफ नई रणनीतियों की आवश्यकता है। शाह ने बताया कि युवा पीढ़ी को नशे से बचाना बेहद जरूरी है, क्योंकि यह किसी भी राष्ट्र की नींव होती है। उन्होंने तीन प्रकार के कार्टेलों का उल्लेख किया और कहा कि इन पर कड़ा प्रहार करने का समय आ गया है। इसके साथ ही, उन्होंने भगोड़ों के निर्वासन और प्रत्यर्पण की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
Sep 16, 2025, 14:33 IST
नशे के खिलाफ लड़ाई में नई रणनीतियाँ
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार देश में सभी प्रकार के नशीले पदार्थों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मादक द्रव्य निरोधक कार्यबल (एएनटीएफ) के प्रमुखों के दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन में यह बात कही। शाह ने यह भी बताया कि अब समय आ गया है कि नशीली दवाओं के खतरे के खिलाफ हमारी रणनीतियों में बदलाव किया जाए ताकि भविष्य में और अधिक सफलताएँ प्राप्त की जा सकें।
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2047 तक एक विकसित भारत की परिकल्पना प्रस्तुत की है। उन्होंने बताया कि यदि हमें ऐसा भारत बनाना है, तो हमारी युवा पीढ़ी को नशे से बचाना अत्यंत आवश्यक है। किसी भी महान राष्ट्र की नींव उसकी युवा पीढ़ी होती है, और यदि हमारी आने वाली पीढ़ियाँ खोखली हो जाएँगी, तो देश का भविष्य संकट में पड़ जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि नशे की आपूर्ति करने वाले क्षेत्र हमारे निकट हैं, इसलिए हमें इसके खिलाफ दृढ़ता से लड़ने की आवश्यकता है।
शाह ने तीन प्रकार के कार्टेलों का उल्लेख किया: पहला, जो देश के सभी प्रवेश बिंदुओं पर काम करता है; दूसरा, जो राज्य स्तर पर वितरण करता है; और तीसरा, जो स्थानीय स्तर पर नशे का कारोबार करता है। उन्होंने कहा कि इन सभी कार्टेलों पर कड़ा प्रहार करने का समय आ गया है। यह लड़ाई सभी की है, और इसे मिलकर लड़ना होगा।
अमित शाह ने भगोड़ों के निर्वासन और प्रत्यर्पण की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि जो लोग विदेश में बैठकर नशे का कारोबार कर रहे हैं, उन्हें हमारे कानून के दायरे में लाना आवश्यक है। सीबीआई ने इस दिशा में अच्छा काम किया है। उन्होंने एएंडटीएफ अध्यक्षों से अनुरोध किया कि वे सीबीआई निदेशक से संपर्क करें और प्रत्यर्पण के लिए एक प्रभावी व्यवस्था स्थापित करें। यह न केवल नशे, बल्कि आतंकवाद और गिरोहों के खिलाफ भी आवश्यक है। गृह मंत्रालय इस प्रक्रिया के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की योजना बना रहा है।