अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था रवाना, सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
अमरनाथ तीर्थयात्रा की शुरुआत
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुधवार को कड़ी सुरक्षा के बीच अमरनाथ तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को कश्मीर के दो आधार शिविरों के लिए रवाना किया।
तीर्थयात्रा, जो 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर के लिए है, तीन जुलाई से शुरू होगी। यह यात्रा दो मार्गों से होगी - पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबा नुनवान-पहलगाम मार्ग और 14 किलोमीटर का बालटाल मार्ग, जो अधिक खड़ी चढ़ाई वाला है। यात्रा का समापन नौ अगस्त को होगा।
तीर्थयात्रियों की संख्या
अधिकारियों के अनुसार, 5,892 तीर्थयात्रियों का जत्था, जिसमें 1,115 महिलाएं, 31 बच्चे और 16 ट्रांसजेंडर शामिल हैं, तड़के साढ़े चार बजे आधार शिविर से रवाना हुआ। इस साल अब तक 3,31,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने यात्रा के लिए पंजीकरण कराया है।
सुरक्षा व्यवस्था
अधिकारियों ने बताया कि तीर्थयात्रियों के लिए मौके पर पंजीकरण शुरू कर दिया गया है। पिछले दो दिनों में लगभग 4,000 टोकन वितरित किए गए हैं। उपराज्यपाल ने भगवती नगर आधार शिविर में पूजा करने के बाद यात्रा को हरी झंडी दिखाई।
इस कार्यक्रम में स्थानीय विधायक, शीर्ष अधिकारी और विभिन्न धार्मिक संगठनों के प्रमुख भी उपस्थित थे। सिन्हा ने कहा, 'मैंने श्री अमरनाथ जी यात्रा के पहले जत्थे को रवाना किया है। सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षित यात्रा की शुभकामनाएं।'
उत्साह और सुरक्षा
सिन्हा ने कहा कि पूरे देश से श्रद्धालु यहां आए हैं, और जम्मू में उत्सव जैसा माहौल है। उन्होंने सुरक्षा के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यात्रा की 24 घंटे निगरानी की जा रही है।
राजभवन और पुलिस नियंत्रण कक्ष में एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र स्थापित किया गया है। चंदनवाड़ी और बालटाल यात्रा आधार शिविरों में ओएनजीसी द्वारा 100 बिस्तरों वाला अस्पताल भी बनाया गया है।
सुविधाओं में सुधार
सिन्हा ने कहा कि अमरनाथ यात्रा के लिए सुविधाओं में सुधार किया गया है। गुफा मंदिर तक जाने वाले दोनों मार्ग अब बारह फुट चौड़े हैं।
4,000 से अधिक तीर्थयात्री भारी बारिश के बावजूद जम्मू से अमरनाथ के लिए रवाना हुए। मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने भी आधार शिविर का दौरा किया और कहा कि सभी व्यवस्थाएं शांतिपूर्ण तीर्थयात्रा के लिए की गई हैं।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था
जम्मू में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, जिसमें बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था और तकनीकी निगरानी शामिल है। जम्मू कश्मीर पुलिस की सुरक्षा शाखा ने भगवती नगर आधार शिविर की जिम्मेदारी संभाली है, जबकि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) सुरक्षा का प्रबंधन कर रहा है।