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अभिषेक बनर्जी का भाजपा और निर्वाचन आयोग पर हमला, मतदाता सूची पुनरीक्षण पर उठाए सवाल

तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की घोषणा को लेकर भाजपा और निर्वाचन आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया असली मतदाताओं को बाहर करने के लिए की जा रही है। बनर्जी ने निर्वाचन आयोग पर आरोप लगाया कि यह राज्य प्रशासन को अपने नियंत्रण में लेने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि एक भी पात्र मतदाता का नाम हटाया गया, तो पार्टी दिल्ली में धरना देगी। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा बनर्जी ने।
 

टीएमसी नेता का आरोप

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के प्रमुख नेता अभिषेक बनर्जी ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की घोषणा को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और निर्वाचन आयोग पर तीखा हमला किया।


उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया असली मतदाताओं को 'बाहर' करने और 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक संतुलन को बिगाड़ने के लिए की जा रही है।


निर्वाचन आयोग पर गंभीर आरोप

बनर्जी ने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग 2002 में दो साल तक चले एक 'व्यापक कार्य' को जल्दबाजी में पूरा कर रहा है, जिसका उद्देश्य राज्य प्रशासन को अपने नियंत्रण में लेना है ताकि निर्वाचित सरकार प्रभावी रूप से कार्य न कर सके।


उन्होंने कहा, 'भाजपा के सहयोगी संगठन, निर्वाचन आयोग ने कल एसआईआर की घोषणा की है। यह प्रक्रिया नाम जोड़ने की नहीं, बल्कि बाहर करने की है।'


बनर्जी ने यह भी कहा कि केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी यह तय करने की कोशिश कर रही है कि 'कौन वोट देगा और कौन नहीं।'


मुख्य निर्वाचन आयुक्त को चेतावनी

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार से सरकार बदलने पर 'देश छोड़कर नहीं भागने' की अपील करते हुए बनर्जी ने कहा, 'आप जहां भी जाएंगे, मैं आपको ढूंढकर वापस लाऊंगा। आपको जनता को जवाब देना होगा।'


उन्होंने एसआईआर को 'साइलेंट इनविजिबल रिगिंग' करार दिया और तर्क दिया कि यह प्रक्रिया असली मतदाताओं को शामिल करने के लिए नहीं, बल्कि 'राजनीतिक निर्देश पर उन्हें बाहर करने' की साजिश है।


मतदाता सूची में विसंगतियों पर सवाल

मतदाता सूची के पुनरीक्षण के समय पर कटाक्ष करते हुए बनर्जी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'केवल डेढ़ साल पहले ही लोकसभा चुनाव हुए थे। अगर अब मतदाता सूची में विसंगतियां हैं, तो लोकसभा भंग कर नए सिरे से चुनाव कराए जाने चाहिए।'


उन्होंने यह भी पूछा, 'बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं की मौजूदगी का हवाला देकर बंगाल के लिए एसआईआर की घोषणा क्यों की गई? अन्य सीमावर्ती राज्यों का क्या हुआ?'


बंगाल को निशाना बनाने पर सवाल

तृणमूल नेता ने यह सवाल उठाया कि जब पांच पूर्वोत्तर राज्य बांग्लादेश और म्यांमा के साथ सीमा साझा करते हैं, तो पश्चिम बंगाल को ही क्यों निशाना बनाया गया।


उन्होंने चेतावनी दी, 'अगर एक भी पात्र मतदाता का नाम हटाया गया, तो बंगाल के एक लाख लोग दिल्ली में निर्वाचन आयोग कार्यालय के बाहर धरना देंगे।'


बनर्जी ने कहा कि एसआईआर के बावजूद उनकी पार्टी अगले साल विधानसभा चुनाव में अपनी सीटों की संख्या बढ़ाने का प्रयास करेगी।