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अफगानिस्तान के विदेश मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों की अनुपस्थिति पर विवाद

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर मुत्तकी की भारत यात्रा के दौरान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल न करने पर विवाद उत्पन्न हो गया है। विपक्षी नेताओं ने इस पर सरकार की आलोचना की है, जबकि तालिबान ने इसे समन्वय की कमी बताया है। राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है। सोशल मीडिया पर भी इस विषय पर तीखी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। जानें इस मामले की पूरी कहानी।
 

महिला पत्रकारों की अनुपस्थिति पर उठे सवाल

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर मुत्तकी का भारत दौरा महिलाओं के संदर्भ में विवादों में आ गया है। विपक्ष के नेताओं और पत्रकारों ने दिल्ली में हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल न करने पर सरकार की आलोचना की है।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि यह प्रेस कॉन्फ्रेंस अफगान दूतावास में आयोजित की गई थी, जहां तालिबान के कानून लागू होते हैं, और इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं थी। तालिबान ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और अगली प्रेस कॉन्फ्रेंस में बदलाव का आश्वासन दिया है।

तालिबान का स्पष्टीकरण

BBC के अनुसार, तालिबान अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि महिला पत्रकारों को प्रेस कॉन्फ्रेंस में आमंत्रित नहीं किया गया था। उन्होंने कहा, “सही समन्वय की कमी के कारण महिला पत्रकारों को शामिल नहीं किया गया। यदि अगली प्रेस कॉन्फ्रेंस दिल्ली में होती है, तो महिला पत्रकारों को आमंत्रित किया जाएगा।”

राहुल गांधी की प्रतिक्रिया

विपक्षी नेता राहुल गांधी ने इस आयोजन की अनुमति देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा, कहकर कि यह भारत की महिलाओं को कमजोर समझने का संकेत है। इसके अलावा, द एडिटर गिल्ड ने भारत सरकार से अनुरोध किया है कि वह ऐसे आयोजनों में जेंडर समानता का ध्यान रखे।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

कुछ सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने उन पुरुष पत्रकारों पर भी सवाल उठाए हैं जो प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए। उनका कहना है कि यदि तालिबान के नियम लागू हैं, तो पुरुष पत्रकारों को इस कार्यक्रम का बहिष्कार करना चाहिए था, जिससे महिला विरोधी कदम का विरोध किया जा सके।