अफगान विदेश मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल करने का निर्णय
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को आमंत्रित किया, जो उनकी पिछली प्रेस वार्ता में महिला पत्रकारों को न बुलाने के कारण उठी आलोचना के बाद हुआ। इस कदम को भेदभावपूर्ण कार्यक्रम के आरोपों के बीच उठाया गया। भारत सरकार ने इस आयोजन से खुद को अलग कर लिया है। विपक्षी नेताओं ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। जानें इस घटनाक्रम के पीछे की पूरी कहानी।
Oct 12, 2025, 16:21 IST
महिला पत्रकारों को आमंत्रित किया गया
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी ने रविवार को नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जिसमें महिला पत्रकारों को शामिल किया गया। यह कदम उनकी पिछली प्रेस वार्ता में महिला पत्रकारों को न बुलाने के कारण उठी आलोचना के बाद उठाया गया।
पहली प्रेस वार्ता पर उठी थी आलोचना
मुत्ताकी, जो एक हफ्ते की भारत यात्रा पर हैं, ने 10 अक्टूबर को अपनी पहली प्रेस वार्ता में केवल पुरुष पत्रकारों को आमंत्रित किया था, जिसके चलते उन्हें पत्रकारों, विपक्षी नेताओं और महिला अधिकारों के समर्थकों की तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा।
'तकनीकी समस्या' का हवाला
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और इंडियन विमेंस प्रेस कॉर्प्स जैसे संगठनों ने महिला पत्रकारों के बहिष्कार को भेदभावपूर्ण बताया। आलोचना के बीच, मुत्ताकी की टीम ने रविवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस को सभी मीडियाकर्मियों के लिए समावेशी बताते हुए नए निमंत्रण जारी किए।
मुत्ताकी ने पहले की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को बाहर रखने के विवाद को 'तकनीकी समस्या' का परिणाम बताया। उन्होंने कहा, 'यह अल्प सूचना पर आयोजित की गई थी और पत्रकारों की एक छोटी सूची तय की गई थी।'
भारत सरकार ने खुद को अलग किया
भारत सरकार ने इस मुद्दे पर आलोचना का सामना करते हुए अपनी भागीदारी से खुद को अलग कर लिया। आधिकारिक सूत्रों ने स्पष्ट किया कि अफगान विदेश मंत्री की प्रेस वार्ता में विदेश मंत्रालय की कोई भागीदारी नहीं थी।
यह स्पष्टीकरण विपक्षी नेताओं द्वारा सरकार पर भेदभावपूर्ण कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति देने के आरोपों के बाद आया।
विपक्ष का तीखा हमला
विपक्षी नेताओं ने इस बहिष्कार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। राहुल गांधी ने कहा कि महिला पत्रकारों को बाहर रखने की अनुमति देना प्रधानमंत्री की महिला अधिकारों के प्रति प्रतिबद्धता पर सवाल उठाता है।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रधानमंत्री से स्पष्टीकरण मांगा कि महिलाओं के अधिकारों को मान्यता देना केवल दिखावा नहीं होना चाहिए।
टीएमसी की महुआ मोइत्रा ने इसे 'शर्मनाक' बताते हुए कहा कि सरकार ने तालिबान मंत्री को महिला पत्रकारों को बाहर रखने की अनुमति देकर हर भारतीय महिला का अपमान किया है।
मुत्ताकी की यात्रा का संदर्भ
मुत्ताकी, जो 2021 में तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर हैं, ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ द्विपक्षीय व्यापार, मानवीय सहायता और सुरक्षा सहयोग पर चर्चा की। उनकी यह यात्रा तालिबान की महिलाओं के अधिकारों और शिक्षा पर प्रतिबंधों के चलते हो रही आलोचनाओं के बीच हो रही है।