अपराजिता: एक चमत्कारी पौधा जो रोगों से लड़ने में सक्षम
अपराजिता का परिचय
नमस्कार दोस्तों! आज हम आपको एक अद्भुत पौधे के बारे में बताएंगे, जिसे अपराजिता कहा जाता है। यह पौधा न केवल सुंदरता के लिए जाना जाता है, बल्कि इसके औषधीय गुण भी इसे खास बनाते हैं। अपराजिता (Megrin) एक सामान्य पौधा है, जो अपने आकर्षक फूलों के कारण बाग-बगिचों में सजावट के लिए लगाया जाता है।
अपराजिता के प्रकार और उपयोग
इस पौधे की लताएँ होती हैं और यह एक बेल के रूप में भी उगता है, जिसमें नीले और सफेद फूल होते हैं। घरों में सफेद फूलों वाली अपराजिता लगाना फायदेमंद होता है, क्योंकि यह सांप के जहर के खिलाफ प्रभावी मानी जाती है। इसे विष्णुकांता और गोकर्णी जैसे नामों से भी जाना जाता है। बरसात के मौसम में इसमें फल और फूल आते हैं।
सांप के जहर का उपचार
1. साँप का ज़हर
- यदि सांप का विष त्वचा के अंदर तक पहुँच गया है, तो अपराजिता की जड़ का 12 ग्राम पाउडर घी के साथ मिलाकर दें।
- अगर जहर खून में घुस गया है, तो जड़ का पाउडर 12 ग्राम दूध में मिलाकर पिलाएं।
- यदि जहर मांस में फैल गया है, तो कूठ और अपराजिता का पाउडर 12-12 ग्राम मिलाकर दें।
- अगर जहर हड्डियों तक पहुँच गया है, तो हल्दी और अपराजिता का पाउडर मिलाकर दें।
- यदि चर्बी में विष फैल गया है, तो अपराजिता के साथ अश्वगंधा का पाउडर मिलाकर दें।
- अगर जहर आनुवंशिक पदार्थों को प्रभावित कर रहा है, तो अपराजिता की जड़ का 12 ग्राम पाउडर ईसरमूल कंद के 12 ग्राम पाउडर के साथ दें।
इन उपायों का प्रयोग दो बार करना पर्याप्त होगा।
अन्य औषधीय उपयोग
13. चेहरे की झाँइयां :
- मुंह की झांईयों पर अपराजिता की जड़ की राख को मक्खन में मिलाकर लगाने से झांई दूर हो जाती है।
1. सिरदर्द :
- अपराजिता की फली के रस को नाक में टपकाने से सिरदर्द ठीक हो जाता है।
13. श्वेतकुष्ठ :
- श्वेत कुष्ठ पर अपराजिता की जड़ का लेप करने से लाभ होता है।
22. त्वचा रोग :
- अपराजिता के पत्तों का घोल त्वचा के रोगों में लाभकारी होता है।
4. पीलिया :
- पीलिया में अपराजिता के भूने हुए बीजों का चूर्ण गर्म पानी के साथ सेवन करने से लाभ होता है।
2. माइग्रेन :
- अपराजिता के बीजों के रस को नाक में टपकाने से माइग्रेन का दर्द भी ठीक हो जाता है।
नोट: यहाँ जिन औषधियों का उल्लेख किया गया है, वे आपको जड़ी-बूटी की दुकानों पर मिलेंगी।