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अनोखे मंदिरों के चमत्कार: जब श्रद्धा बन जाती है अजीबोगरीब परंपरा

भारत में कई मंदिर अपनी अनोखी परंपराओं और चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध हैं। भक्त अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए अजीबोगरीब तरीके अपनाते हैं। इस लेख में हम कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में जानेंगे, जहां श्रद्धा और विश्वास की अनोखी कहानियां हैं। क्या आप जानते हैं कि कर्नाटक में कुत्तों की पूजा होती है या राजस्थान में चूहों को पूजनीय माना जाता है? जानिए इन मंदिरों के बारे में और उनकी अद्भुत परंपराओं के बारे में।
 

मंदिरों की अनोखी परंपराएं


मंदिरों के अनोखे किस्से – जब हम मुश्किल में होते हैं, तो भगवान की शरण में जाते हैं और अपनी इच्छाओं के लिए प्रार्थना करते हैं।


कुछ लोग कहते हैं कि यदि उनकी इच्छाएं पूरी हो जाएं, तो वे दान देंगे, जबकि अन्य पैदल चलकर दर्शन करने का वादा करते हैं। ये सामान्य प्रथाएं हैं, लेकिन भारत में कई मंदिर ऐसे हैं जो अपने चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध हैं। यहां आने वाले भक्त अपनी इच्छाओं की पूर्ति के लिए कई बार अजीबोगरीब तरीके अपनाते हैं।


राजस्थान का मेहंदीपुर बालाजी धाम तो सभी जानते हैं, जहां भूत-प्रेत की बाधाओं और गंभीर बीमारियों का इलाज किया जाता है। यहां भक्तों को उल्टा लटकाने से लेकर अन्य कठोर उपाय किए जाते हैं। लेकिन कुछ अन्य मंदिरों में भी ऐसे ही अजीबोगरीब किस्से हैं।


आइए जानते हैं कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में –


अनोखे मंदिरों के किस्से


  1. कोडुंगल्लूर मंदिर


केरल का कोडुंगल्लूर मंदिर मां भद्रकाली को समर्पित है। यहां हर साल भरणी महोत्सव मनाया जाता है, जिसमें मुर्गे की बलि दी जाती है और मां काली को अभद्र शब्द कहे जाते हैं। यह सब उन्हें प्रसन्न करने के लिए किया जाता है।



  1. चन्नापटना डॉग टेम्पल


कर्नाटक में स्थित इस अनोखे मंदिर में कुत्तों की पूजा की जाती है। यहां कुत्तों की मूर्तियां स्थापित हैं और एक समुदाय इन्हें देवता मानता है। उनका मानना है कि कुत्ते बुराई को समाप्त कर अच्छाई की स्थापना कर सकते हैं।



  1. दिगंबेश्वर मंदिर


कर्नाटक का यह मंदिर सामान्य दिखता है, लेकिन यहां एक धार्मिक आयोजन में बच्चों को 30 फीट की ऊंचाई से नीचे फेंका जाता है। ऐसा करने से बच्चों का भाग्योदय होता है।



  1. सथ गुबंज मस्जिद


गुलमर्ग, कर्नाटक की यह मस्जिद वास्तुकला की दृष्टि से अद्भुत है। यहां छोटे बच्चों को कीचड़ में डाला जाता है, जिससे उनकी शारीरिक और मानसिक विकलांगता दूर होती है।



  1. ओम बन्ना मंदिर


जोधपुर के इस मंदिर में एक ‘350 CC रॉयल एनफील्ड बुलेट’ की पूजा की जाती है। यह बाइक एक युवक की याद में रखी गई है, जिसने एक सड़क दुर्घटना में अपनी जान गंवाई थी।



  1. कर्णी माता मंदिर


राजस्थान के देशनोक का यह मंदिर चूहों के लिए प्रसिद्ध है, जहां लगभग 25,000 काले चूहे हैं। इन्हें पूजनीय माना जाता है और लोग इनके द्वारा छुए गए खाद्य पदार्थों को खाना सम्मानजनक मानते हैं।



  1. काली सिंह मंदिर


मुजफ्फरनगर का यह मंदिर अनोखा है, जहां लोग अपने दुधारू जानवरों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करते हैं।


इन मंदिरों के किस्से पढ़कर आप भी सोच में पड़ गए होंगे कि ये सब क्या है। जो भी हो, यह सच है। यदि आपको यह कहानी पसंद आई हो, तो इसे साझा करना न भूलें।