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अनिल अंबानी कंपनियों के खिलाफ जांच में तेजी, करीबी सहयोगियों को बुलाया गया

अनिल अंबानी की कंपनियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय द्वारा चल रही जांच में तेजी आई है। ED ने उनके करीबी सहयोगियों को पूछताछ के लिए बुलाया है, जबकि जांच में बैंकों की भूमिका पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। यह मामला लगभग 17,000 करोड़ रुपये के अनपेक्षित ऋणों से संबंधित है। जानें पूरी कहानी और क्या हो रहा है इस मामले में।
 

जांच का विस्तार

अनिल अंबानी की कंपनियों के खिलाफ कथित ऋण धोखाधड़ी मामले में जांच को बढ़ाते हुए, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को उनकी कंपनी के कई शीर्ष अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाया है।


अनिल अंबानी के करीबी सहयोगियों में से दो, अमिताभ झुनझुनवाला और सतीश सेठ, उन लोगों में शामिल हैं जिन्हें बुलाया गया है। ये दोनों तब से जांच के दायरे में हैं जब से अंबानी की कंपनियों के विभिन्न परिसरों में छापे मारे गए थे। ED को संदेह है कि ये और अन्य अधिकारी धन को डायवर्ट करने और बैंकों को धोखा देने में शामिल थे।


जांच एजेंसी को यह भी संदेह है कि कुछ बैंकों ने कुछ ऋणों के एनपीए बनने पर आंखें मूंद लीं, जिसके बदले में उन्हें कमीशन मिला। ED ने पहले ही 39 बैंकों को पत्र लिखा है और उनसे पूछा है कि उन्होंने संदिग्ध ऋणों की रिपोर्ट क्यों नहीं की या अधिकारियों को क्यों नहीं सूचित किया।


यह धोखाधड़ी का मामला लगभग 17,000 करोड़ रुपये के अनपेक्षित ऋणों के चारों ओर घूमता है, जो अनिल अंबानी से जुड़े विभिन्न फर्मों द्वारा लिए गए थे। अधिकारी अब यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि पैसा कहां गया और इसमें कौन-कौन शामिल था।


अनिल अंबानी से उम्मीद की जा रही है कि वे मंगलवार को ED के समक्ष और पूछताछ के लिए पेश होंगे।