अनिरुद्धाचार्य का लिव इन पर विवादास्पद बयान और महिलाओं के प्रति सम्मान
कथावाचक अनिरुद्धाचार्य से खास बातचीत
कथावाचक अनिरुद्धाचार्य
वृंदावन के प्रसिद्ध कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने एक मीडिया चैनल के साथ बातचीत में लिव इन में रहने वाले युवाओं और अन्य मुद्दों पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने महिलाओं को पूजनीय बताते हुए कहा कि उनके प्रवचनों के छोटे-छोटे वीडियो को गलत संदर्भ में पेश किया जाता है। उनका मानना है कि यदि पूरी कथा सुनी जाए, तो सही अर्थ स्पष्ट हो जाएंगे।
अनिरुद्धाचार्य ने लिव इन के बारे में कहा कि यह कुत्ते-बिल्ली का कल्चर है, और जब उनसे पूछा गया कि क्या शेरनी भी लिव इन में रहती है, तो उन्होंने इसका जवाब दिया।
महिलाओं के प्रति सम्मान पर अनिरुद्धाचार्य का बयान
महिलाओं के अपमान के आरोपों पर उन्होंने कहा कि हर पुरुष को अपनी पत्नी के नाम पर संपत्ति रखनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वे वृद्ध माताओं के पैर दबाते हैं और यह सम्मान का प्रतीक है।
उन्होंने अपने ऑस्ट्रेलिया संबंधी बयान का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा कि राम-रावण के युद्ध के बाद वहां कई तलवारें पड़ी थीं। राम ने इन अस्त्रों को सुरक्षित स्थान पर रखने का निर्णय लिया, जिसे बाद में अस्त्रालय और ऑस्ट्रेलिया कहा गया।
ऑस्ट्रेलिया पर अनिरुद्धाचार्य का दृष्टिकोण
उनका यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिस पर उन्होंने कहा कि वह अपने विचार पर कायम हैं। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के प्राचीन लोगों की बनावट की तुलना की और कहा कि यह स्थान पहले अस्त्रालय था।
लव जिहाद पर उनके बयान पर उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी भी व्यास पीठ से ऐसा नहीं कहा, बल्कि यह उनके प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम का हिस्सा था।
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