अनंत सिंह की गिरफ्तारी: मोकामा में दुलारचंद यादव हत्या मामले में बड़ी कार्रवाई
मोकामा में अनंत सिंह की गिरफ्तारी
दुलारचंद और अनंत सिंह
पटना पुलिस ने मोकामा में दुलारचंद यादव हत्या मामले में पूर्व विधायक और जदयू के उम्मीदवार अनंत सिंह को बाढ़ के कारगिल मार्केट से गिरफ्तार किया है। पहले से ही उनके सरेंडर की संभावना जताई जा रही थी, जिसके चलते एसएसपी कार्तिकेय शर्मा की टीम उनके निवास पर पहुंची। गिरफ्तारी के बाद, पुलिस उन्हें पटना ले गई और रात में जेल में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। रविवार को उन्हें मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा। जब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार करने का प्रयास किया, तब वे पहले से ही तैयार बैठे थे और सफेद स्कॉर्पियो में बैठकर चले गए।
इस दौरान उनके समर्थकों ने कोई हंगामा नहीं किया। दुलारचंद यादव के पोते ने अनंत सिंह सहित चार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। इसके बाद जनसुराज के प्रत्याशी पियूष प्रियदर्शी ने छह लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी। पुलिस ने अपनी जांच के आधार पर अलग से एक प्राथमिकी भी दर्ज की थी।
दुलारचंद यादव की हत्या के बाद मोकामा में स्थिति तनावपूर्ण थी, जिससे पटना पुलिस ने रात में अनंत सिंह को गिरफ्तार करने का निर्णय लिया। ऐसा इसलिए किया गया ताकि रात में उनके समर्थकों की संख्या कम हो। अनंत सिंह ने खुद ही राजनीतिक दबाव के चलते सरेंडर करने का मन बना लिया था। इस घटनाक्रम के बाद प्रशासन ने राजद प्रत्याशी वीणा देवी, अनंत सिंह और जनसुराज के प्रत्याशी प्रियदर्शी पियूष को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान की।
सूत्रों के अनुसार, अनंत सिंह की गिरफ्तारी चुनाव आयोग के निर्देश पर हुई है। इस मामले में अनंत सिंह के साथ 21 अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है। आयोग के आदेश पर प्रशासन ने भदौर और घोसवरी थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया है। सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा किया गया है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
प्रशासनिक कार्रवाई और अधिकारीयों का तबादला
दुलारचंद यादव हत्या मामले में निर्वाचन आयोग ने सख्त कदम उठाते हुए चार अधिकारियों का तबादला किया है, जिसमें पुलिस अधीक्षक भी शामिल हैं। एक अधिकारी को निलंबित किया गया है। यह कार्रवाई निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान लापरवाही और संवेदनशील मामलों में सतर्कता न बरतने के आरोपों के आधार पर की गई है। आयोग ने स्पष्ट किया है कि कानून-व्यवस्था में किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दुलारचंद यादव की हत्या ने जिले में सनसनी फैला दी थी, जिसके बाद से चुनावी माहौल में तनाव बना हुआ है। विपक्ष ने इस घटना के बाद सरकार पर लगातार हमले किए हैं.