अधिकारियों की मेहनत से मिली रेलवे अधिकारी की बेटी के खोए जूते
जूते की खोज में जुटी पुलिस
नई दिल्ली: ओडिशा के एक डिविजनल रेलवे मैनेजर (DRM) की बेटी के जूते गायब हो गए थे। यह मामला तब सुर्खियों में आया जब राजकीय रेलवे पुलिस (GRP), रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (IRCTC) के अधिकारियों ने इन जूतों की खोज में महीनों तक मेहनत की। दरअसल, DRM विनीत सिंह की बेटी के जूते ट्रेन यात्रा के दौरान खो गए थे, जिसके बाद संबलपुर GRP में इसकी शिकायत दर्ज कराई गई।
एक रिपोर्ट के अनुसार, शिकायत में यह आरोप लगाया गया कि यात्रा के दौरान एक महिला ने जूते चुराए। इसके बाद GRP, RPF और IRCTC के अधिकारियों ने जूते खोजने का काम शुरू किया। पुलिस ने इस मामले में दिन-रात मेहनत की और दो मंडलों की रेलवे पुलिस को इस काम में लगाया। अंततः डेढ़ महीने की मेहनत के बाद जूते मिल गए, जिनकी कीमत लगभग दस हजार रुपये थी।
यह सोचने वाली बात है कि यदि किसी सामान्य व्यक्ति का सामान खो जाए तो क्या पुलिस इतनी मेहनत करती? शायद नहीं। लेकिन चूंकि यह मामला एक अधिकारी की बेटी से जुड़ा था, इसलिए पुलिस ने इसे गंभीरता से लिया। अधिकारी की बेटी, मानवी, 3 जनवरी को दिल्ली से लखनऊ यात्रा कर रही थी। यात्रा के दौरान उनके साथ एक अन्य महिला भी थी। मानवी ने बताया कि 4 जनवरी को सुबह लगभग पौने चार बजे वह महिला बरेली जंक्शन पर उतर गई और उसके कुछ समय बाद ही मानवी को अपने जूते नहीं मिले।
मानवी ने GRP में इस घटना की रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके बाद संबलपुर GRP ने बरेली की रेलवे पुलिस के साथ मिलकर जूते खोजने का काम शुरू किया। पुलिस ने उस महिला को ढूंढ निकाला जो मानवी के साथ यात्रा कर रही थी। रेलवे टिकट से मिली जानकारी के आधार पर पुलिस ने उस महिला का पता लगाया। महिला ने स्वीकार किया कि उसने गलती से मानवी के जूते पहनकर ट्रेन से उतर गई थी।