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अघोरी साधुओं की शवों के साथ संबंध बनाने की रहस्यमय वजहें

अघोरी साधुओं का शवों के साथ संबंध बनाने का रहस्य जानकर आप हैरान रह जाएंगे। ये साधु भगवान शिव के उपासक होते हैं और पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन नहीं करते। जानें कि कैसे ये शवों के साथ संबंध बनाकर अपनी साधना को आगे बढ़ाते हैं और इसके पीछे की वजहें क्या हैं। इस लेख में अघोरी साधुओं की अनोखी जीवनशैली और उनके तंत्र विद्या में महारत हासिल करने के तरीकों के बारे में विस्तार से बताया गया है।
 

अघोरी साधुओं का अनोखा व्यवहार


अघोरी साधुओं का शवों के साथ व्यवहार: जानिए कारण | GK Hindi General Knowledge : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन जल्द ही होने वाला है। हिंदू धर्म में महाकुंभ का विशेष महत्व है। मान्यता है कि जो व्यक्ति इस महाकुंभ में पवित्र स्नान करता है, उसके सभी पाप धुल जाते हैं। इस बार महाकुंभ में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, साथ ही कई संत भी इस अवसर पर उपस्थित होंगे।


अघोरी साधुओं के शवों के साथ संबंध बनाने का कारण

इन साधुओं में एक विशेष वर्ग अघोरी साधुओं का है, जिनका पहनावा और जीवनशैली अन्य साधुओं से भिन्न होती है। कुछ अघोरी साधु शवों के साथ संबंध बनाते हैं। यह जानना जरूरी है कि ऐसा क्यों किया जाता है।


अघोरी साधुओं का शिव की आराधना

अघोरी साधु भगवान शिव के उपासक होते हैं और ये पारंपरिक हिंदू रीति-रिवाजों का पालन नहीं करते। ये तंत्र साधना में लीन रहते हैं। भगवान शिव के पांच रूपों में से एक रूप अघोर है। अघोरी साधु शवों पर बैठकर साधना करते हैं और कभी-कभी शवों के साथ शारीरिक संबंध भी बनाते हैं। उनके अनुसार, यह शिव और शक्ति की आराधना का एक साधन है।


अघोरियों की शक्ति में वृद्धि

अघोरी साधुओं का मानना है कि शवों के साथ संबंध बनाने से उनकी शक्ति में वृद्धि होती है और वे तंत्र विद्या में अधिक कुशल बनते हैं। जबकि अन्य साधु ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं, अघोरी साधु इसके विपरीत होते हैं। वे न केवल शवों के साथ, बल्कि जीवित व्यक्तियों के साथ भी संबंध बनाते हैं। इसके अलावा, वे शराब का सेवन करते हैं और मानव मांस भी खाते हैं।