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अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: स्वास्थ्य और आध्यात्मिकता का संगम

हर साल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है, जो स्वास्थ्य और आध्यात्मिकता का प्रतीक है। योग का अभ्यास न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है, बल्कि मानसिक शांति और आध्यात्मिक विकास में भी सहायक होता है। यह विभिन्न धर्मों में एक सार्वभौमिक अभ्यास के रूप में स्वीकार किया जाता है। जानें योग के महत्व और इसके लाभों के बारे में इस लेख में।
 

योग दिवस का महत्व


अंतरराष्ट्रीय योग दिवस: हर साल 21 जून को विश्वभर में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाता है। योग को स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण आधार माना जाता है, और नियमित योगाभ्यास से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। योग की उत्पत्ति भारत में हुई है और इसे हिंदू धर्म के छह दर्शनों में से एक माना जाता है, लेकिन इसे एक धर्म के बजाय एक अभ्यास के रूप में देखा जाता है।


योग का मानसिक और शारीरिक लाभ

मन और शरीर की शुद्धि: योग का अभ्यास करने से मन और शरीर दोनों को शुद्ध किया जा सकता है। यह आंतरिक शांति और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देता है। योग के माध्यम से व्यक्ति अपने भीतर की शांति और एकता का अनुभव कर सकता है, जो आध्यात्मिक विकास की दिशा में ले जाता है। प्राचीन समय में ऋषि-मुनियों ने भी ध्यान और योग को महत्वपूर्ण माना था, और भगवान शिव को पहले योग गुरु के रूप में देखा जाता है।


विभिन्न धर्मों में योग का स्थान

धर्मों में योग का महत्व: योग का अभ्यास हिंदू, बौद्ध, ईसाई और मुस्लिम धर्मों में किया जाता है। इसे धर्म से अलग एक सार्वभौमिक अभ्यास माना जाता है, जो सभी के लिए लाभकारी है। हिंदू धर्म में इसे एक अभ्यास के रूप में स्वीकार किया जाता है, जो किसी भी धर्म के अनुयायी द्वारा किया जा सकता है।