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अंडमान में भूकंप के झटके: जानें इसके कारण और प्रभाव

हाल ही में अंडमान के पास समुद्र में भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिसकी तीव्रता 5.4 थी। इस लेख में भूकंप के कारण, इसके प्रभाव और भारत में भूकंप के संवेदनशील जोनों के बारे में जानकारी दी गई है। जानें कि भूकंप कैसे आते हैं और इससे होने वाले नुकसान के बारे में।
 

अंडमान में भूकंप की तीव्रता


अंडमान के निकट समुद्र में भूकंप के तीव्र झटके महसूस किए गए हैं। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 5.4 मापी गई है। भूकंप का केंद्र 90 किमी की गहराई में स्थित था और यह घटना 12:06 बजे हुई। अभी तक भूकंप के कारण हुए नुकसान की कोई जानकारी नहीं आई है।

भूकंप के कारण क्या हैं?
हाल के समय में, देश और दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भूकंप की घटनाओं में वृद्धि देखी जा रही है। पृथ्वी के अंदर 7 टेक्टोनिक प्लेट्स मौजूद हैं, जो लगातार अपनी स्थिति में घूमती रहती हैं। कभी-कभी इन प्लेट्स के बीच टकराव या घर्षण होता है, जिससे भूकंप की घटनाएं होती हैं। इसका सबसे अधिक प्रभाव आम जनता पर पड़ता है, जिससे मकान गिरने और हजारों लोगों की जान जाने का खतरा होता है।

भारत में भूकंप के जोन
भूगर्भीय विशेषज्ञों के अनुसार, भारत के लगभग 59 प्रतिशत क्षेत्र को भूकंप के लिए संवेदनशील माना गया है। वैज्ञानिकों ने इसे जोन-2, जोन-3, जोन-4 और जोन-5 में विभाजित किया है। जोन-5 सबसे संवेदनशील है, जबकि जोन-2 कम संवेदनशील है। भारत की राजधानी दिल्ली जोन-4 में आती है, जहां 7 या उससे अधिक तीव्रता के भूकंप आ सकते हैं, जिससे व्यापक नुकसान हो सकता है। हिमालय क्षेत्र और अन्य फॉल्ट लाइनों के कारण भूकंप का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि भारतीय प्लेट यूरेशियन प्लेट से टकरा रही है।

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता
4 से 4.9 तीव्रता के भूकंप में घर में रखी वस्तुएं गिर सकती हैं। 5 से 5.9 तीव्रता के भूकंप में भारी सामान और फर्नीचर भी हिल सकते हैं। 6 से 6.9 में इमारत का बेस दरक सकता है। 7 से 7.9 में इमारतें गिर जाती हैं। 8 से 8.9 में सुनामी का खतरा होता है और अधिक तबाही होती है। 9 या उससे अधिक की तीव्रता में सबसे भयंकर तबाही होती है।