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Whirlpool India की बिक्री: Advent International के हाथ में जाएगी कमान

Whirlpool India, जो कि घरेलू उपकरणों के क्षेत्र में एक प्रमुख नाम है, अब Advent International को अपनी हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया में है। यह सौदा लगभग 1 अरब डॉलर का हो सकता है और इसके पीछे कई वैश्विक चुनौतियाँ हैं। Whirlpool Corporation ने अपने घरेलू बाजार पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भारत से बाहर निकलने का निर्णय लिया है। Advent International, जो पहले से ही भारतीय अप्लायंस बाजार में सक्रिय है, इस सौदे के लिए एकमात्र दावेदार है। जानें इस प्रक्रिया के पीछे की रणनीतियाँ और Whirlpool का भारत में सफर।
 

Whirlpool India की बिक्री की तैयारी

Whirlpool India बिक्री के कगार पर है

भारत के घरेलू उपकरणों के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण घटना घटित हो रही है। आपके घर में मौजूद Whirlpool के फ्रिज या वॉशिंग मशीन जल्द ही एक नई कंपनी के अधीन हो सकते हैं। अमेरिकी प्राइवेट इक्विटी फर्म, Advent International, Whirlpool of India में एक महत्वपूर्ण हिस्सेदारी खरीदने के करीब पहुंच गई है। यह सौदा लगभग 1 अरब डॉलर का हो सकता है। दोनों पक्षों के बीच बातचीत अंतिम चरण में है और इस महीने के अंत तक इसे अंतिम रूप दिया जा सकता है। यह जानकारी ऐसे समय में आई है जब कई विदेशी कंपनियां भारत में अपने व्यवसाय को समेट रही हैं.


भारत में कारोबार समेटने का कारण

यह जानना आवश्यक है कि Whirlpool जैसी स्थापित कंपनी को भारत में अपनी हिस्सेदारी बेचने की आवश्यकता क्यों महसूस हो रही है। इसका संबंध उसकी मूल कंपनी, मिशिगन स्थित Whirlpool Corporation की वैश्विक चुनौतियों से है। 2022 के अंत में कंपनी को 1.5 अरब डॉलर का भारी नुकसान हुआ था। इस झटके के बाद से ही कंपनी अपनी वैश्विक रणनीति में बदलाव कर रही है.

कंपनी अब अपने घरेलू बाजार (अमेरिका) पर ध्यान केंद्रित करना चाहती है और बड़े उपकरणों के बजाय अधिक लाभदायक उत्पादों जैसे ब्लेंडर और कॉफी मेकर पर जोर दे रही है। इस नई रणनीति को लागू करने और कर्ज कम करने के लिए कंपनी को वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता है। भारत से बाहर निकलना इसी योजना का हिस्सा है. इस साल फरवरी में, कंपनी ने 24.7% हिस्सेदारी संस्थागत निवेशकों को बेची थी और अब वह अपनी हिस्सेदारी को घटाकर 20% पर लाना चाहती है.


Advent के हाथों में जाएगी पूरी कमान

इस सौदे में Advent International अब एकमात्र दावेदार है। पहले Bain Capital और EQT जैसे अन्य बड़े निवेशक भी इस दौड़ में थे, लेकिन वे पीछे हट गए। सूत्रों के अनुसार, Advent और Whirlpool के बीच नवंबर के अंत तक विशेष बातचीत की अवधि तय की गई है, जिसका अर्थ है कि इस दौरान Whirlpool किसी अन्य खरीदार से बातचीत नहीं करेगा.

योजना के अनुसार, Advent पहले प्रमोटर से 31% हिस्सेदारी खरीदेगा। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के नियमों के अनुसार, इतनी बड़ी हिस्सेदारी खरीदने पर Advent को 26% अतिरिक्त हिस्सेदारी के लिए एक ओपन ऑफर लाना होगा। यदि यह ओपन ऑफर सफल होता है, तो Advent के पास Whirlpool India की कुल 57% हिस्सेदारी हो जाएगी, जिससे कंपनी का पूरा नियंत्रण Advent के हाथ में आ जाएगा.


Advent का भारतीय अप्लायंस बाजार में अनुभव

Advent के लिए भारतीय अप्लायंस बाजार नया नहीं है। उसने पहले ही Crompton Greaves और Eureka Forbes जैसी कंपनियों में निवेश किया है। हाल ही में, Whirlpool में Advent की रुचि फिर से बढ़ गई है, जिसका कारण अक्टूबर में हुए कुछ महत्वपूर्ण कॉर्पोरेट समझौते हैं। Whirlpool India ने अपनी अमेरिकी पैरेंट कंपनी के साथ कई दीर्घकालिक समझौते किए हैं, जिसमें 30 वर्षों के लिए 'Whirlpool' ब्रांड नाम का उपयोग करने का लाइसेंस शामिल है.

इन समझौतों ने यह सुनिश्चित किया है कि यदि अमेरिकी कंपनी अपनी बची हुई हिस्सेदारी भी बेच दे, तब भी भारत में Whirlpool का कारोबार बिना किसी रुकावट के चलता रहेगा. यही कारण है कि Advent इस सौदे को लेकर गंभीर हो गया है.


Whirlpool का भारत में सफर

Whirlpool भारत में 1980 के दशक के अंत में आने वाले पहले बहुराष्ट्रीय ब्रांडों में से एक था। इसके बावजूद, यह LG और Samsung जैसे कोरियाई प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले उतना विस्तार नहीं कर पाया। आज यह प्रीमियम सेगमेंट में एक प्रमुख ब्रांड है, लेकिन बाजार में इसकी पकड़ उतनी मजबूत नहीं हो पाई जितनी अपेक्षित थी.