Sunil Dutt की अनदेखी फिल्में: 5 बेहतरीन प्रदर्शन जो आप फिर से देखें
Sunil Dutt की जयंती पर विशेष
Sunil Dutt की जयंती पर, आइए हम उनके कुछ कम चर्चित लेकिन प्रभावशाली अभिनय को याद करें। 1957 में 'मदर इंडिया' से प्रसिद्धि पाने वाले इस अभिनेता ने कई ऐसी फिल्में की हैं, जो आज भी दर्शकों के दिलों में बसी हुई हैं। यहाँ हम उनके पांच ऐसे अद्भुत कार्यों का जिक्र कर रहे हैं, जिन्हें आपको फिर से देखना चाहिए।
Sujata (1959)
1959 में बनी 'सुजाता' एक बिमल रॉय की फिल्म है, जिसमें नूतन और सुनील दत्त मुख्य भूमिकाओं में हैं। इस फिल्म में शशिकला, ललिता पवार, सुलोचना लाटकर और तरुण बोस भी हैं। यह फिल्म एक बांग्ला लघु कथा पर आधारित है और भारत में जाति व्यवस्था की स्थिति को दर्शाती है। इसे 1960 के कांस फिल्म महोत्सव में भी प्रदर्शित किया गया था।
Sadhana (1958)
'साधना' 1958 की एक काली-श्वेत हिंदी फिल्म है, जिसका उद्देश्य सामाजिक सुधार है। इसे बी. आर. चोपड़ा ने निर्मित और निर्देशित किया है। इस फिल्म में वजयंतीमाला और सुनील दत्त मुख्य भूमिकाओं में हैं। कहानी एक वेश्या चंपा और उसके कॉलेज के शिक्षक मोहन के बीच के प्रेम प्रसंग के इर्द-गिर्द घूमती है।
Nartaki (1963)
'नर्तकी' 1963 की एक सामाजिक फिल्म है, जिसका निर्देशन नितिन बोस ने किया। इसकी कहानी और पटकथा ध्रुव चटर्जी ने लिखी है। फिल्म में सुनील दत्त और नंदा मुख्य भूमिकाओं में हैं।
Chirag (1969)
'चिराग' 1969 में राज खोसला द्वारा निर्देशित एक फिल्म है, जिसमें सुनील दत्त और आशा भोसले मुख्य भूमिकाओं में हैं। इस फिल्म का एक प्रसिद्ध गीत 'तेरी आँखों के सिवा' है, जिसे मोहम्मद रफी और लता मंगेशकर ने गाया है। आशा भोसले ने सुनील दत्त के बारे में कहा, "दत्त साहब सच में भगवान के बच्चे थे।"
Darpan (1970)
'दर्पण' 1970 में आदुर्थी सुभा राव द्वारा निर्देशित की गई थी। इसमें सुनील दत्त, वहीदा रहमान और सोनिया सहनी हैं। फिल्म में सुनील दत्त एक समर्पित शिक्षक की भूमिका में हैं, जो एक पूर्व वेश्या से विवाह करते हैं।