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SMVD मेडिकल कॉलेज में MBBS दाखिले पर विवाद: 50 में से 42 सीटें मुस्लिम छात्रों के लिए

SMVD मेडिकल कॉलेज में MBBS की 50 सीटों में से 42 मुस्लिम छात्रों को आवंटित करने पर विवाद खड़ा हो गया है। बीजेपी और बजरंग दल ने इस पर भेदभाव का आरोप लगाया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी, कॉलेज का संचालन कौन करता है, और मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के नियम क्या हैं।
 

SMVD मेडिकल कॉलेज में MBBS दाखिले का मामला

SMVD मेडिकल कॉलेज MBBS सीट विवाद Image Credit source: Social Media

NEET UG 2025: राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) UG 2025 के तहत विभिन्न राज्यों में दाखिले की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इसी बीच, श्री माता वैष्णो देवी (SMVD) इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एक्सीलेंस ने MBBS दाखिले की पहली सूची जारी की है। इस सूची में 50 MBBS सीटों में से 42 मुस्लिम छात्रों को आवंटित की गई हैं, जबकि 7 सीटें हिंदू और 1 सिख छात्र के लिए हैं। इस स्थिति के बाद SMVD मेडिकल कॉलेज में दाखिले को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। बीजेपी और बजरंग दल ने इस सूची पर सवाल उठाए हैं।

आइए जानते हैं कि इस मामले की पूरी जानकारी क्या है? SMVD मेडिकल कॉलेज का संचालन किसके द्वारा किया जाता है? और मेडिकल कॉलेजों में MBBS समेत अन्य पाठ्यक्रमों में दाखिले के नियम क्या हैं।

विवाद का कारण

SMVD मेडिकल कॉलेज में MBBS की 50 सीटें हैं। यह पहली बार है जब कॉलेज में MBBS की कक्षाएं शुरू की गई हैं। इस सूची के सार्वजनिक होते ही विवाद शुरू हो गया है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता डॉ. परनीश महाजन और बजरंग दल ने इस पर भेदभाव का आरोप लगाया है।

SMVD मेडिकल कॉलेज का संचालन श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा किया जाता है, जिसने 500 करोड़ रुपये के दान से इस कॉलेज का निर्माण कराया है। बीजेपी के नेताओं ने कहा है कि चूंकि यह कॉलेज एक हिंदू संगठन द्वारा संचालित है, इसलिए 50 छात्रों में से 42 मुस्लिम छात्रों को दाखिला देना असमान प्रतिनिधित्व है। उन्होंने कहा कि इससे श्रद्धालुओं और आम जनता के बीच सवाल उठेंगे। हालांकि, उन्होंने योग्यता पर कोई आपत्ति नहीं जताई, लेकिन प्रक्रिया में निष्पक्षता और संतुलन की आवश्यकता बताई।

मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के नियम

SMVD मेडिकल कॉलेज में MBBS दाखिले की सूची पर मचे बवाल के बीच, देश में मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के नियमों पर चर्चा करते हैं।

NEET UG: सभी मेडिकल कॉलेजों में MBBS, BDS और अन्य पाठ्यक्रमों में दाखिला NEET UG के स्कोर के आधार पर होता है। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) हर साल NEET UG का आयोजन करती है। NEET UG का स्कोर एक साल के लिए मान्य होता है।

15% ऑल इंडिया कोटा: NEET UG के परिणाम के बाद मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (MCC) शेड्यूल जारी करती है। इसके आधार पर केंद्र सरकार के मेडिकल कॉलेजों, राज्य और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में काउंसलिंग होती है। राज्य मेडिकल कॉलेजों में 15% सीटें ऑल इंडिया कोटे के तहत आरक्षित होती हैं।

85% राज्य कोटा: MCC के काउंसलिंग शेड्यूल के अनुसार, राज्य सरकारों के मेडिकल कॉलेज भी काउंसलिंग आयोजित करते हैं। इसमें राज्य मेडिकल कॉलेजों की 85% सीटें राज्य के छात्रों के लिए आरक्षित होती हैं।

प्राइवेट मेडिकल कॉलेज: प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में मैनेजमेंट और एनआरई कोटे से भी दाखिला दिया जाता है।

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