विपक्ष का विरोध: विकसित भारत गारंटी बिल पर राहुल गांधी की कड़ी प्रतिक्रिया
विपक्ष का विरोध
विपक्ष ने संसद में विकसित भारत गारंटी फॉर रोज़गार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-G RAM G) बिल के पारित होने पर लगातार विरोध प्रदर्शन किया है। शुक्रवार को, विभिन्न विपक्षी दलों ने संसद के बाहर एकजुट होकर इस बिल के खिलाफ प्रदर्शन किया, जबकि तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने सदन में एंट्री सीढ़ियों पर अपना विरोध जारी रखा। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, जो वर्तमान में जर्मनी में हैं, ने भी इस बिल के खिलाफ अपनी आवाज उठाई और इसे "राज्य विरोधी" और "गांव विरोधी" करार दिया।
राहुल गांधी की प्रतिक्रिया
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के स्थान पर ‘विकसित भारत- जी राम जी विधेयक’ के पारित होने के बाद कहा कि यह कानून प्रदेशों और गांवों के खिलाफ है। उन्होंने सरकार को इसे वापस लेने के लिए मजबूर करने के लिए एक राष्ट्रव्यापी मोर्चा बनाने की योजना बनाई है। संसद ने बृहस्पतिवार को ‘विकसित भारत- जी राम जी विधेयक, 2025’ को मंजूरी दी, जो पहले दिन में लोकसभा और फिर राज्यसभा से पारित हुआ।
राहुल गांधी का ट्वीट
राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर लिखा, "कल रात मोदी सरकार ने एक ही दिन में मनरेगा के बीस वर्षों को ध्वस्त कर दिया। जी राम जी विधेयक, मनरेगा का कोई ‘पुनर्गठन’ नहीं है। यह अधिकार-आधारित, मांग-आधारित गारंटी को समाप्त कर इसे एक सीमित योजना में बदल देता है, जिसे दिल्ली से नियंत्रित किया जाएगा।" उन्होंने यह भी कहा कि इस विधेयक की संरचना ही राज्यविरोधी और गांवविरोधी है।
मनरेगा का महत्व
राहुल गांधी ने कहा, "मनरेगा ने ग्रामीण मजदूरों को मोलभाव की ताकत दी। इससे शोषण और मजबूरी में पलायन कम हुआ, मजदूरी बढ़ी, और काम की परिस्थितियां बेहतर हुईं। यही वह ताकत है जिसे यह सरकार तोड़ना चाहती है।" उनके अनुसार, जी राम जी विधेयक उस एकमात्र माध्यम को कमजोर करता है जो ग्रामीण गरीबों के पास था।
महिलाओं पर प्रभाव
राहुल गांधी ने यह भी बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान मनरेगा का क्या महत्व था। जब अर्थव्यवस्था ठप हो गई, तब इसने करोड़ों लोगों को भूख और कर्ज में डूबने से बचाया। उन्होंने कहा कि जब किसी रोजगार कार्यक्रम को सीमित किया जाता है, तो सबसे पहले महिलाएं, दलित, आदिवासी और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग बाहर धकेले जाते हैं।
विपक्ष की मांग
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि इस कानून को संसद में उचित जांच-पड़ताल के बिना पारित कराया गया। उन्होंने कहा कि विधेयक को स्थायी समिति के पास भेजने की विपक्ष की मांग को खारिज कर दिया गया। उन्होंने कहा कि इस कानून को गंभीर समिति समीक्षा और सार्वजनिक सुनवाई के बिना नहीं पारित किया जाना चाहिए।
प्रधानमंत्री मोदी पर आरोप
राहुल गांधी ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी का लक्ष्य श्रम को कमजोर करना और ग्रामीण भारत में दलितों, ओबीसी और आदिवासियों की मोलभाव की ताकत को कम करना है।" उन्होंने मनरेगा को दुनिया के सबसे सफल गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों में से एक बताया और कहा कि वे इस सरकार को ग्रामीण गरीबों की रक्षा करने से नहीं रोकने देंगे।