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तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने विधानसभा चुनाव के लिए उम्र सीमा घटाने का प्रस्ताव रखा

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों की आयु सीमा को 21 वर्ष करने का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने कहा कि जब युवा 21 वर्ष की आयु में प्रशासनिक सेवाओं में शामिल हो सकते हैं, तो उन्हें चुनाव लड़ने की अनुमति भी मिलनी चाहिए। रेड्डी ने इस बात पर जोर दिया कि देश को युवा नेतृत्व की आवश्यकता है और उन्होंने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित किया।
 

मुख्यमंत्री का युवा नेतृत्व पर जोर

तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि यदि लोग 21 वर्ष की आयु में आईएएस और आईपीएस अधिकारी बन सकते हैं, तो उन्हें विधानसभा चुनाव लड़ने की अनुमति भी मिलनी चाहिए।


उस्मानिया विश्वविद्यालय में नए छात्रावासों का उद्घाटन करते हुए और विभिन्न भवनों की आधारशिला रखते हुए, रेड्डी ने आरोप लगाया कि हैदराबाद विश्वविद्यालय में शेर और हाथी की तस्वीरें बनाकर एक दुर्भावनापूर्ण अभियान चलाया गया है।


उन्होंने कहा, "21 वर्ष की आयु में लोग आईएएस और आईपीएस अधिकारी बनकर प्रशासन का संचालन कर रहे हैं। डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर ने हमें संविधान दिया, जिसमें 21 वर्ष की आयु पूरी करने वाले लोगों को मतदान का अधिकार दिया गया है।"


रेड्डी ने आगे कहा, "मैं आपसे इस पर विचार करने और इसे एक कार्यक्रम के रूप में अपनाने का अनुरोध करता हूं। जब पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने मतदान की आयु 18 वर्ष कर दी थी, तब आईएएस और आईपीएस अधिकारी 21 वर्ष की आयु में कार्यरत थे, तो लोग 21 वर्ष की आयु में विधानसभा के लिए क्यों नहीं चुने जा सकते? इस देश को युवा नेतृत्व की आवश्यकता है।"


वर्तमान में विधानसभा चुनाव लड़ने की आयु 25 वर्ष है। उन्होंने बताया कि तेलंगाना की 65 प्रतिशत जनसंख्या 21 से 35 वर्ष के बीच है, जो देश के लिए लाभकारी है।


मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य का खजाना खाली हो गया है और सरकार के पास धन जुटाने के लिए कोई भूमि उपलब्ध नहीं है।


हालांकि, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि राज्य सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के प्रति प्रतिबद्ध है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की पिछली सरकार के दौरान उस्मानिया विश्वविद्यालय को कमजोर करने की साजिश की गई थी और उन्होंने इस संस्थान के खोए हुए गौरव को पुनर्स्थापित करने का संकल्प लिया।