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तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर भाई-भतीजावाद का आरोप लगाया

बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने नीतीश कुमार की सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में एनडीए के नेताओं और सेवानिवृत्त अधिकारियों के रिश्तेदारों को विभिन्न आयोगों में महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया गया है। तेजस्वी ने इस पर व्यंग्य करते हुए 'जमाई आयोग' बनाने की मांग की है। इसके अलावा, उन्होंने महिला आयोग में एक विशेष नियुक्ति पर भी सवाल उठाए हैं। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और तेजस्वी के आरोपों का क्या असर हो सकता है।
 

तेजस्वी यादव का तीखा हमला

बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने नीतीश कुमार की सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि हाल ही में एनडीए के नेताओं और कुछ सेवानिवृत्त अधिकारियों के रिश्तेदारों को राज्य महिला आयोग समेत विभिन्न आयोगों में महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया गया है। तेजस्वी ने इस पर व्यंग्य करते हुए कहा कि नीतीश कुमार को अब राजनीतिक नेताओं के करीबी रिश्तेदारों के लिए ‘जमाई आयोग’ (दामाद आयोग) बनाना चाहिए। क्या यह भाई-भतीजावाद का एक स्पष्ट उदाहरण नहीं है?


राजद नेता की मांग

मीडिया से बातचीत करते हुए राजद नेता ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि बिहार में आधिकारिक रूप से दामाद आयोग का गठन किया जाए। उन्होंने कहा कि अब नियुक्तियाँ योग्यता के बजाय व्यक्तिगत संबंधों के आधार पर की जा रही हैं। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि दिवंगत रामविलास पासवान, जीतन राम मांझी और अशोक चौधरी जैसे राजनीतिक नेताओं के दामादों को विभिन्न आयोगों में महत्वपूर्ण पद दिए गए हैं।


महिला आयोग में नियुक्तियों पर सवाल

तेजस्वी ने मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक प्रसाद की पत्नी को महिला आयोग का सदस्य बनाए जाने पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, "उन्हें शिक्षाविद् के पद पर नियुक्त किया गया है। क्या कोई और योग्य व्यक्ति नहीं मिला? यह चौंकाने वाली बात है कि उन्होंने अपने पति का नाम छिपाकर अपने पिता का नाम दर्ज कराया।" उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में उपमुख्यमंत्री समेत 50 प्रतिशत से अधिक मंत्री वंशवादी राजनीति का हिस्सा हैं, जबकि लालू प्रसाद को अक्सर वंशवादी राजनीति को बढ़ावा देने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ता है।