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कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने जीएसटी सुधारों पर उठाए सवाल

कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने जीएसटी सुधारों पर भारतीय जनता पार्टी की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने इस टैक्स में सुधार में देरी की, वही आज इसके समर्थक बन गए हैं। रमेश ने जीएसटी के प्रभावों पर चर्चा करते हुए कहा कि यह अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचा रहा है। उन्होंने जीएसटी में सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि कई सवालों के जवाब अभी भी नहीं मिले हैं।
 

जीएसटी सुधारों पर कांग्रेस का विरोध

कांग्रेस सांसद जयराम रमेश

कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के सुधारों का श्रेय लेने पर भारतीय जनता पार्टी पर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने इस टैक्स में सुधार में देरी की, वही आज इसके समर्थक बन गए हैं। जुलाई 2017 में जीएसटी लागू होने के समय राहुल गांधी ने इसे गब्बर सिंह टैक्स कहा था, और यह न तो अच्छा था और न ही सरल।

जयराम रमेश ने यह भी कहा कि नोटबंदी के बाद जीएसटी ने अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान पहुँचाया। उन्होंने आरोप लगाया कि जीएसटी में सुधार में 8 साल की देरी हुई है। उन्हें ट्रंप से प्रशंसा नहीं मिली, बल्कि टैरिफ का सामना करना पड़ा। जब टैरिफ आया और समस्याएँ बढ़ीं, तब मजबूरन जीएसटी प्रणाली को लागू किया गया। अब इसे एक उत्सव की तरह मनाया जा रहा है, जबकि इसे लाने में 8 साल लग गए।

जीएसटी का विरोध करने वाले बने प्रधानमंत्री

जयराम रमेश ने बताया कि जीएसटी लागू करने का प्रस्ताव सबसे पहले 2006 के बजट भाषण में तत्कालीन वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने दिया था। 2010 में इसे संसद में एक अधिनियम के रूप में पेश किया गया। उस समय यह स्थायी समिति में गया, जिसकी अध्यक्षता बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह ढाई साल तक स्थायी समिति में पड़ा रहा।

सीमित सुधार की आवश्यकता

कांग्रेस सांसद ने कहा कि जीएसटी में सुधार की मांग हम 2017 से कर रहे हैं। हाल ही में जो सुधार हुए हैं, वे सीमित हैं। सूक्ष्म, मध्यम और एमएसएमई सेक्टर में प्रक्रियाओं की जटिलता को सरल बनाने की आवश्यकता है, जो अभी तक नहीं हुई है। इसके अलावा, कई बड़े बदलावों की आवश्यकता है और कई सवालों के जवाब भी नहीं मिले हैं। राज्यों की आमदनी में कटौती होगी, उन्हें मुआवजा कैसे मिलेगा? पिछले 5 वर्षों के लिए मुआवजा मिला था, राज्यों ने मांग की है कि अगले 5 वर्षों के लिए भी मुआवजा दिया जाए।