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कांग्रेस के भीतर असंतोष: बिहार चुनाव में हार के कारणों पर चर्चा

बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद पार्टी के भीतर असंतोष की लहर चल रही है। वरिष्ठ नेताओं ने संगठन की कमजोरी, गलत टिकट वितरण और नेतृत्व की अनुपस्थिति को हार के प्रमुख कारण बताया है। कई नेता इस बात पर जोर दे रहे हैं कि अगर पार्टी ने अपनी रणनीति में सुधार नहीं किया, तो भविष्य में और भी गंभीर संकट का सामना करना पड़ सकता है। जानें इस मुद्दे पर नेताओं की क्या राय है और पार्टी के भीतर की स्थिति क्या है।
 

बिहार चुनाव में कांग्रेस की हार का असर

बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन के बाद पार्टी में असंतोष खुलकर सामने आ गया है। वरिष्ठ नेता संगठन की कमजोरी, गलत टिकट वितरण और नेतृत्व की अनुपस्थिति को हार के प्रमुख कारण मानते हैं।


नेताओं की प्रतिक्रिया

नई दिल्ली: बिहार चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद पार्टी के भीतर असंतोष की लहर चल रही है। कई नेता और कार्यकर्ता यह स्पष्ट कर रहे हैं कि संगठन की स्थिति, गलत टिकट वितरण और नेतृत्व की दूरी ने पार्टी को नुकसान पहुंचाया है। कांग्रेस ने केवल कुछ सीटें जीती हैं, जिससे यह सवाल उठने लगा है कि वफादार कार्यकर्ता कब तक इंतजार करेंगे।


कांग्रेस नेता कृपानाथ पाठक की टिप्पणी

पटना में कांग्रेस नेता कृपानाथ पाठक ने कहा कि शीर्ष नेतृत्व तक सही जानकारी नहीं पहुंची, जिससे बड़ी गलतियाँ हुईं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर नेतृत्व अब भी जागरूक नहीं हुआ, तो पार्टी को गंभीर संकट का सामना करना पड़ सकता है। उनके अनुसार, जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं की बातों को अनसुना किया जा रहा है, जिससे असंतोष बढ़ रहा है।


शशि थरूर की चिंता

केरल से सांसद शशि थरूर ने हार को गंभीर निराशा बताया। उन्होंने कहा कि आत्ममंथन के साथ-साथ रणनीतिक और संगठनात्मक गलतियों की वैज्ञानिक समीक्षा आवश्यक है। थरूर ने यह भी कहा कि उन्हें बिहार चुनाव प्रचार के लिए नहीं बुलाया गया, जिससे वह जमीनी स्थिति का आकलन नहीं कर सके।


नेतृत्व पर उठते सवाल

कांग्रेस नेता मुमताज पटेल ने नेतृत्व पर सीधा सवाल उठाते हुए कहा कि अब बहाने नहीं चलेंगे। उनके अनुसार हार की असली वजह यह है कि सत्ता कुछ लोगों के हाथों में केंद्रित है, जो जमीनी हकीकत से पूरी तरह कटे हुए हैं।


शकील अहमद की आलोचना

हाल ही में पार्टी छोड़ चुके शकील अहमद ने टिकट वितरण में अनियमितताओं का मुद्दा उठाया और कहा कि यदि आरोप सही हैं, तो कार्रवाई आवश्यक है। उन्होंने AIMIM के बेहतर प्रदर्शन को चिंताजनक बताया। पार्टी के भीतर आलोचना तेज हो गई है और नेतृत्व पर सवाल और गहरे होते जा रहे हैं।


हार के कारणों की समीक्षा

पार्टी के वरिष्ठ नेता निखिल कुमार ने हार की जड़ में संगठन की कमजोरी को बताया। उनके अनुसार, एक मजबूत संगठन ही चुनाव जीत सकता है, और केवल अच्छे उम्मीदवार पर्याप्त नहीं होते। उन्होंने कहा कि रणनीति और प्रबंधन में भारी कमियां रहीं, जिससे स्थिति बिगड़ गई। पटना से कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने भी स्वीकार किया कि पार्टी को गंभीर समीक्षा की आवश्यकता है।