कर्नाटक में नेतृत्व संघर्ष: डीके शिवकुमार का बयान
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री का बयान
डीके शिवकुमार, जो कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री हैं, ने रविवार को कहा कि कोई भी व्यक्ति या राजनीतिक दल हमेशा के लिए सत्ता में नहीं रह सकता। यह टिप्पणी मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर एक अप्रत्यक्ष तंज के रूप में देखी गई, जो दोनों नेताओं के बीच चल रही नेतृत्व की खींचतान के संदर्भ में आई। कांग्रेस स्थापना दिवस समारोह में बोलते हुए, शिवकुमार ने कहा कि इतिहास यह दर्शाता है कि सबसे शक्तिशाली भी अंततः गिरावट की ओर बढ़ते हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, "सम्राट भी गुमनामी में खो गए हैं।"
आंतरिक विवाद और नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें
पिछले सप्ताह, शिवकुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के निवास का दौरा किया, जहां उन्होंने कहा, "मैं केवल मंच पर बैठकर भाषण नहीं देता; मैंने पार्टी में हर कार्य किया है।" यह टिप्पणी भी सिद्धारमैया पर कटाक्ष के रूप में देखी गई। 20 नवंबर को सरकार के पांच साल के कार्यकाल का आधा समय पूरा होने के बाद, कांग्रेस के भीतर आंतरिक बहस तेज हो गई है। नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें 2023 में सत्ता में आने के समय दोनों नेताओं के बीच हुए समझौते से जुड़ी हैं।
सिद्धारमैया का स्पष्ट बयान
सिद्धारमैया ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि वे कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में अपना पूरा कार्यकाल पूरा करेंगे। ऐसी अटकलें हैं कि दोनों नेताओं के बीच मुख्यमंत्री का कार्यकाल बराबर बांटने का समझौता हो सकता है। हालांकि, इस पर किसी ने भी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। शिवकुमार ने हाल ही में एक "गुप्त समझौते" का संकेत दिया है। इसके बावजूद, उन्होंने कहा कि कांग्रेस उच्च कमान द्वारा दी गई स्वतंत्रता के तहत वर्तमान प्रशासन एकजुटता के साथ कार्य कर रहा है।
मुख्यमंत्री बनने की आकांक्षा
जब शिवकुमार से पूछा गया कि क्या वे पूरे पांच साल के लिए मुख्यमंत्री बनने की इच्छा रखते हैं, तो उन्होंने कहा कि वे खुद को मुख्य रूप से एक पार्टी कार्यकर्ता के रूप में देखते हैं, न कि केवल सत्ता की चाह रखने वाले व्यक्ति के रूप में। दोनों नेताओं ने उच्च कमान से संभावित सत्ता परिवर्तन के बारे में भ्रम को समाप्त करने का आग्रह किया और इस अनिश्चितता से हो रहे नुकसान का उल्लेख किया।