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उमर अब्दुल्ला ने भाजपा के गठबंधन के आरोपों का किया खंडन

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भाजपा के आरोपों का खंडन किया है कि उन्होंने 2024 में राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए गठबंधन की मांग की थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह कभी भी भाजपा के साथ गठबंधन करने के लिए तैयार नहीं थे। विपक्ष के नेता सुनील शर्मा के दावों का जवाब देते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि वह अपने सिद्धांतों के प्रति वफादार हैं। इस विवाद में भाजपा के साथ उनके पिछले संबंधों पर भी चर्चा हुई है।
 

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का स्पष्ट बयान

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रविवार को भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन किया है कि उन्होंने 2024 में राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी के साथ गठबंधन की मांग की थी।


अब्दुल्ला ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 'मैं पवित्र कुरान की कसम खाता हूं कि मैंने 2024 में राज्य का दर्जा या किसी अन्य कारण से भाजपा के साथ गठबंधन की मांग नहीं की। सुनील शर्मा के विपरीत, मैं जीविका के लिए झूठ नहीं बोलता।'


मुख्यमंत्री ने विधानसभा में विपक्ष के नेता सुनील शर्मा के दावों का जवाब दिया, जिन्होंने कहा था कि अब्दुल्ला ने दिल्ली में भाजपा से संपर्क किया था और राज्य का दर्जा देने के बदले में उनके साथ गठबंधन करने को तैयार थे।


शर्मा ने यह भी दावा किया कि अब्दुल्ला ने 2014 में जम्मू-कश्मीर में गठबंधन सरकार बनाने के लिए भाजपा से संपर्क किया था, जब चुनावों में त्रिशंकु जनादेश आया था। अब्दुल्ला ने हाल के दिनों में केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी पर लगातार हमले किए हैं और कहा है कि केवल उनकी नेशनल कॉन्फ्रेंस ही जम्मू-कश्मीर में भाजपा का सामना कर रही है।


इससे पहले, बडगाम में भाजपा उम्मीदवार सैयद मोहसिन के समर्थन में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए शर्मा ने कहा कि विधानसभा चुनावों के बाद अब्दुल्ला ने भाजपा के साथ गठबंधन करने की कोशिश की थी। शर्मा ने यह भी कहा, 'हालांकि, सिद्धांतों और राष्ट्रीय अखंडता से प्रेरित हमारे नेतृत्व ने ऐसे अवसरवादी प्रस्तावों को अस्वीकार कर दिया।'