उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव की तैयारी: मतदाता सूची में सुधार की आवश्यकता
उत्तर प्रदेश में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियाँ जोरों पर हैं, लेकिन मतदाता सूचियों में दोहराव की समस्याएँ सामने आई हैं। राज्य चुनाव आयोग ने इन विसंगतियों को दूर करने के लिए सुधार अभियान शुरू किया है। आयोग ने उम्मीदवारों के लिए खर्च की सीमा भी बढ़ाई है, जिससे चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा एससी/एसटी आरक्षण निर्धारण प्रक्रिया के बाद की जाएगी। जानें इस महत्वपूर्ण मुद्दे के बारे में और अधिक जानकारी।
Nov 6, 2025, 15:44 IST
पंचायत चुनाव की तैयारी और मतदाता सूची की समस्याएँ
उत्तर प्रदेश में त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव अप्रैल से जुलाई 2026 के बीच आयोजित होने की संभावना है, और इसकी तैयारियाँ प्रारंभ हो चुकी हैं। हालांकि, मतदाता सूचियों की सटीकता को लेकर कुछ चिंताएँ उठाई गई हैं, क्योंकि कई ज़िलों में नामों के दोहराव की समस्या सामने आई है। राज्य चुनाव आयोग ने इन विसंगतियों को दूर करने के लिए एक व्यापक सुधार अभियान शुरू करने का निर्देश दिया है। आयोग की जाँच में पीलीभीत, वाराणसी, बिजनौर और हापुड़ जैसे ज़िलों में नामों के बड़े पैमाने पर दोहराव का पता चला है। विशेष रूप से, पीलीभीत के पूरनपुर ब्लॉक में लगभग 97,000 दोहराए गए नाम मिले हैं। अधिकारियों का मानना है कि यदि एक व्यापक समीक्षा की जाए, तो लगभग 50 लाख नाम मतदाता सूची से हटाए जा सकते हैं। इस समस्या के समाधान के लिए आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया के तहत सुधार अभियान चलाने का आदेश दिया है।
उम्मीदवारों के लिए खर्च की सीमा में वृद्धि
इन तैयारियों के साथ, आयोग ने उम्मीदवारों के लिए खर्च की सीमा को भी बढ़ा दिया है। ग्राम प्रधान अब 1.25 लाख रुपये, जिला पंचायत सदस्य 2.5 लाख रुपये और जिला पंचायत अध्यक्ष 7 लाख रुपये तक खर्च कर सकते हैं। यह निर्णय पारदर्शिता बनाए रखने और खर्च पर नियंत्रण रखने के उद्देश्य से लिया गया है, और निर्धारित सीमा से अधिक खर्च करने पर कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है। एससी/एसटी आरक्षण निर्धारण प्रक्रिया पूरी होने के बाद चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी। मतपत्रों की छपाई प्रारंभ हो चुकी है और नामांकन पत्रों तथा जमानत राशि की फीस में भी संशोधन किया गया है। आयोग का ध्यान एक स्वच्छ और सटीक मतदाता सूची के माध्यम से स्वतंत्र, निष्पक्ष और विश्वसनीय चुनाव सुनिश्चित करने पर केंद्रित है।