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असम के मुख्यमंत्री ने मोदी को भगवान राम का प्रतीक बताया, तेजस्वी पर साधा निशाना

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने हाल ही में एक चुनावी सभा में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भगवान राम का प्रतीक बताया। उन्होंने महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव और उनके पिता लालू प्रसाद को बाबर और औरंगजेब की विरासत का प्रतिनिधि कहा। शर्मा ने ओवैसी पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि उन्हें पाकिस्तान जाने का टिकट देने की पेशकश की। इस बयान में उन्होंने बिहार विधानसभा चुनाव को दो विचारधाराओं के बीच की लड़ाई बताया। जानें इस विवादास्पद बयान के पीछे की पूरी कहानी।
 

मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा का बयान

असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बुधवार को एक चुनावी सभा में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भगवान राम के आदर्शों का प्रतिनिधित्व करते हैं। वहीं, उन्होंने महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव और उनके पिता लालू प्रसाद को बाबर और औरंगजेब की विरासत का प्रतीक बताया।


पश्चिम चंपारण जिले के चनपटिया विधानसभा क्षेत्र में आयोजित इस सभा में भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, 'बिहार का मुख्यमंत्री वही बन सकता है जो भगवान राम की पूजा करता है और लक्ष्मण की तरह समर्पित है। बिहार की जनता अपने नेता का चुनाव खुद करेगी, उसे ओवैसी की सलाह की आवश्यकता नहीं है।'


उन्होंने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी पर भी कटाक्ष करते हुए कहा, 'अगर ओवैसी इतने चिंतित हैं, तो मैं उन्हें पाकिस्तान जाने का टिकट देने की पेशकश करता हूं, जहां वे अपनी पसंद के उम्मीदवारों को चुनाव जितवा सकते हैं।'


शर्मा ने आगे कहा, 'मोदी राम और लक्ष्मण के आदर्शों का प्रतीक हैं, जबकि तेजस्वी और लालू बाबर और औरंगजेब की विरासत का प्रतिनिधित्व करते हैं। बिहार विधानसभा चुनाव दो विचारधाराओं के बीच की लड़ाई है।'


उन्होंने यह भी कहा कि 'लंबे समय बाद हिंदू स्वतंत्रता से जी रहे हैं, और यह सब मोदी के नेतृत्व में संभव हुआ है। बिहार में वे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मदद कर रहे हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि राज्य की जनता राजग को वोट देगी।'


कांग्रेस से 2015 तक जुड़े रहे शर्मा ने संवाददाताओं से बातचीत में राहुल गांधी पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, 'राहुल गांधी देश के दुश्मन हैं।'


असम के मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा के विरोधी लोग 'एसआईआर' (विशेष गहन पुनरीक्षण) की आलोचना इसलिए करते हैं क्योंकि 'वे चुनाव जीतने के लिए बांग्लादेशी घुसपैठियों के वोटों पर निर्भर हैं।'