Online Gaming Bill से रियल मनी गेमिंग कंपनियों को झटका
Online Gaming Bill का प्रभाव
लोकसभा में ऑनलाइन गेमिंग बिल के पारित होने के बाद, रियल मनी गेम्स से संबंधित कंपनियों को एक बड़ा झटका लगा है। गेमिंग उद्योग हर साल विज्ञापन और मार्केटिंग पर लगभग 2 अरब डॉलर (17 हजार करोड़ रुपये से अधिक) खर्च करता है, लेकिन अब सरकार द्वारा ऑनलाइन गेम्स पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में कदम उठाने से इसमें भारी गिरावट की संभावना है।
प्रचार पर बढ़ती निगरानी
इसके अलावा, रियल मनी गेम्स के प्रचार पर बढ़ती निगरानी और संभावित जुर्माने की आशंका के कारण, खिलाड़ियों और बॉलीवुड सितारों की टैलेंट मैनेजमेंट टीमों ने मीडिया बाइंग प्रतिनिधियों को निर्देश दिया है कि वे Ads को फिलहाल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से हटा दें। इस मामले से जुड़े सूत्रों के अनुसार, सरकार के इस निर्णय से फैंटेसी स्पोर्ट्स प्लेटफॉर्म ड्रीम11 की भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के साथ तीन साल की स्पॉन्सरशिप डील भी संकट में पड़ गई है।
प्रमुख हस्तियों का जुड़ाव
ड्रीम11, मोबाइल प्रीमियर लीग, विंजो और रमीसर्कल जैसे फैंटेसी क्रिकेट गेमिंग प्लेटफॉर्म ने अब तक भरपूर फंडिंग के साथ प्रमुख अभिनेताओं और क्रिकेटरों के साथ एंडोर्समेंट डील्स की हैं। उद्योग के अधिकारियों का कहना है कि रियल-मनी गेमिंग कंपनियों द्वारा विज्ञापन पर खर्च का अधिकांश हिस्सा इंडियन प्रीमियर लीग जैसे क्रिकेट टूर्नामेंटों या चैंपियंस ट्रॉफी और विश्व कप जैसी आईसीसी प्रतियोगिताओं के दौरान होता है।
हस्तियों की चिंताएं
रणबीर कपूर और आमिर खान ड्रीम11 से जुड़े हुए हैं, जबकि एमएस धोनी विंजो और ऋतिक रोशन रमीसर्किल का प्रचार करते हैं। भारतीय क्रिकेटर शुभमन गिल और पूर्व कप्तान सौरव गांगुली गेम्स 24×7 के My11Circle का प्रचार करते हैं। जब तक ऑनलाइन गेमिंग उद्योग पर निगरानी जारी है, ये हस्तियां रिस्क से बचते हुए अपनी पब्लिक इमेज को बनाए रखना चाहती हैं।
विज्ञापन पर खर्च
एक रिपोर्ट के अनुसार, डिजिटल मार्केटिंग प्लेटफॉर्म मोलोको के कंट्री मैनेजर सिद्धार्थ झावर ने बताया कि रियल-मनी गेमिंग सेक्टर डिजिटल प्लेटफॉर्म पर परफॉर्मेंस मार्केटिंग पर हर साल लगभग 700 मिलियन डॉलर (लगभग 6094.63 करोड़ रुपये) खर्च करता है। टेलीविजन, डिजिटल और ऑफलाइन कैंपेन पर ब्रांड के खर्च, क्रिएटिव प्रोडक्शन और सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट को जोड़ने के बाद, विज्ञापन और मार्केटिंग पर कुल वार्षिक खर्च लगभग 2 अरब डॉलर (लगभग 17,414 करोड़ रुपये) होने का अनुमान है। लेकिन अब ऑनलाइन गेमिंग बिल के पारित होने के बाद ये सब बंद हो जाएगा।