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Infosys के शेयरों में 40% की वृद्धि से न्यूयॉर्क में हड़कंप

19 दिसंबर को न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर इंफोसिस के एडीआर में 40% की वृद्धि ने निवेशकों को चौंका दिया। इस तेजी का कारण अमेरिकी आईटी कंपनी एक्सेंचर के बेहतर नतीजे और शेयरों की कमी है। हालांकि, भारत में इंफोसिस का शेयर केवल मामूली बढ़त के साथ बंद हुआ। जानें इस स्थिति का भारतीय निवेशकों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है और आगे की संभावनाएं क्या हैं।
 

Infosys के एडीआर में अचानक उछाल

Infosys के एडीआर में करीब 40% उछाल.

19 दिसंबर को न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर एक अप्रत्याशित घटना घटी, जिसने वैश्विक निवेशकों को चौंका दिया। भारतीय आईटी कंपनी इंफोसिस के अमेरिकन डिपॉजिटरी रिसीट (एडीआर) में अचानक 38% से अधिक की वृद्धि हुई, जिससे शेयर की कीमत 27 डॉलर के पार पहुंच गई। यह वृद्धि इतनी तेज थी कि एक्सचेंज को कुछ समय के लिए ट्रेडिंग रोकनी पड़ी। दिलचस्प बात यह है कि जिस दिन अमेरिका में यह हलचल हुई, उसी दिन भारत में इंफोसिस का शेयर मामूली बढ़त के साथ बंद हुआ था.


न्यूयॉर्क में मची हलचल का कारण

न्यूयॉर्क में अचानक मची इस खलबली के पीछे की कहानी

इंफोसिस के एडीआर में आई इस भारी तेजी का सीधा संबंध वैश्विक आईटी क्षेत्र के सकारात्मक रुख से है। अमेरिकी आईटी कंपनी एक्सेंचर के पहले तिमाही के नतीजे उम्मीद से बेहतर रहे, जिसने निवेशकों को यह विश्वास दिलाया कि टेक्नोलॉजी खर्च में स्थिरता आ सकती है। चूंकि इंफोसिस का बड़ा कारोबार उत्तरी अमेरिका से आता है, इसलिए वहां के निवेशकों ने इस खबर को सकारात्मक रूप से लिया। इसी सकारात्मक माहौल के चलते 17 दिसंबर से एडीआर में तेजी का सिलसिला शुरू हुआ, जो 19 दिसंबर को अपने चरम पर पहुंच गया.


शेयरों की कमी और शॉर्ट स्क्वीज

शॉर्ट स्क्वीज और शेयरों की कमी ने बिगाड़ा गणित

बाजार की रिपोर्टों के अनुसार, इंफोसिस के एडीआर में इस विस्फोट की एक बड़ी वजह मार्केट में शेयरों की कमी थी। एक बड़े बैंक ने शॉर्ट सेलर्स को दिए गए शेयरों को वापस मांग लिया। जब बैंक ने अचानक ये शेयर वापस मांगे, तो ट्रेडर्स के बीच अफरा-तफरी मच गई, जिन्होंने शेयरों के गिरने पर दांव लगाया था। अपनी शॉर्ट पोजीशन को बचाने के लिए इन ट्रेडर्स ने ऊंचे दामों पर शेयर खरीदने शुरू कर दिए। इस स्थिति को बाजार की भाषा में ‘शॉर्ट स्क्वीज’ कहा जाता है, जिससे कीमतें तेजी से बढ़ गईं और न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज को सर्किट ब्रेकर का इस्तेमाल करना पड़ा.


भारतीय निवेशकों के लिए स्थिति

भारतीय निवेशकों के लिए इसके मायने

हालांकि न्यूयॉर्क में इंफोसिस के शेयरों में तेजी आई, लेकिन भारत में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पर स्थिति अलग थी। 19 दिसंबर को घरेलू बाजार में इंफोसिस का शेयर केवल 0.7% की बढ़त के साथ 1,638 रुपये पर बंद हुआ। हालांकि, विप्रो जैसे अन्य भारतीय आईटी शेयरों के एडीआर में भी तेजी देखी गई है, जो यह संकेत देता है कि वैश्विक स्तर पर भारतीय कंपनियों के प्रति नजरिया सुधर रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि निफ्टी आईटी इंडेक्स पिछले एक महीने में सुधरा है, लेकिन 2025 में यह अभी भी काफी नीचे है। इसलिए अमेरिकी बाजार की हलचल को देखकर किसी भी निवेश का निर्णय लेने से पहले घरेलू तिमाही नतीजों और वैश्विक ऑर्डर पाइपलाइन पर ध्यान देना आवश्यक है.