HAL और GE एयरोस्पेस के बीच 113 जेट इंजन खरीदने का समझौता
HAL और GE एयरोस्पेस के बीच समझौता
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने शुक्रवार को अमेरिकी कंपनी GE एयरोस्पेस के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता किया है। इस समझौते के तहत, HAL तेजस लड़ाकू विमान कार्यक्रम के लिए 113 नए जेट इंजन खरीदेगा। यह सौदा भारत और अमेरिका के बीच हालिया तनाव और अमेरिकी सरकार द्वारा भारतीय उत्पादों पर 50% टैरिफ लगाने के बावजूद संपन्न हुआ है।
समझौते के अनुसार, GE के F404-GE-IN20 इंजन की आपूर्ति 2027 से शुरू होगी और यह 2032 तक पूरी हो जाएगी। अधिकारियों के अनुसार, इस डील की कुल लागत लगभग 1 अरब डॉलर, यानी करीब 8,870 करोड़ रुपये है। HAL ने स्पष्ट किया है कि ये इंजन और सपोर्ट पैकेज 97 तेजस Mk-1A लड़ाकू विमानों के निर्माण के लिए खरीदे जा रहे हैं।
पहले की डील और महत्व
रक्षा मंत्रालय ने सितंबर में 62,370 करोड़ रुपये की लागत से 97 तेजस Mk-1A विमानों की खरीद के लिए HAL के साथ एक करार किया था। तेजस एक सिंगल-इंजन, मल्टी-रोल फाइटर जेट है, जो एयर डिफेंस, समुद्री निगरानी और स्ट्राइक मिशन जैसे कई कार्यों को अंजाम देने में सक्षम है। HAL पहले से ही कुछ तेजस Mk-1A विमानों में GE के इसी मॉडल F404-IN20 इंजन का उपयोग कर रहा है।
फरवरी 2021 में भी रक्षा मंत्रालय ने HAL से 83 तेजस Mk-1A विमानों की खरीद के लिए 48,000 करोड़ रुपये का करार किया था। हालांकि, इन विमानों की डिलीवरी में देरी हो रही है, जिसका मुख्य कारण GE एयरोस्पेस द्वारा इंजन की आपूर्ति में बार-बार देरी बताया जा रहा है।
भारतीय वायुसेना के लिए तेजस कार्यक्रम अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि उसके लड़ाकू विमान स्क्वाड्रनों की संख्या घटकर 31 रह गई है, जबकि अनुमोदित क्षमता 42 स्क्वाड्रन की है। नए तेजस विमानों की समय पर उपलब्धता से वायुसेना की लड़ाकू क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी। HAL और GE के बीच यह नया समझौता तेजस बेड़े के विस्तार और उसकी समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।