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Google Chrome का नया फीचर: फिजूल नोटिफिकेशनों से मिलेगी राहत

Google Chrome ने अपने ब्राउज़र नोटिफिकेशन पॉलिसी में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है, जिससे यूजर्स को अनावश्यक नोटिफिकेशनों से छुटकारा मिलेगा। नया स्मार्ट अलर्ट कंट्रोल फीचर उन वेबसाइटों के नोटिफिकेशनों को स्वचालित रूप से बंद कर देगा जिनसे यूजर्स की बातचीत कम होती है। यह बदलाव यूजर्स को बेहतर ब्राउज़िंग अनुभव प्रदान करने के उद्देश्य से किया गया है। जानें इस नए फीचर के बारे में और कैसे यह आपके ब्राउज़िंग अनुभव को बेहतर बनाएगा।
 

Google Chrome में नया स्मार्ट अलर्ट कंट्रोल

क्रोम की यह नई सुविधा Safety Check सिस्टम पर आधारित है.

Google Chrome का स्मार्ट अलर्ट कंट्रोल: गूगल क्रोम ने अपने नोटिफिकेशन पॉलिसी में महत्वपूर्ण बदलाव किया है। अब, क्रोम उन वेबसाइटों के नोटिफिकेशनों को अपने आप बंद कर देगा जिनसे यूजर्स की बातचीत लंबे समय से नहीं हुई है। इस फीचर से अनावश्यक नोटिफिकेशनों से छुटकारा मिलेगा और यूजर्स को एक बेहतर और शांतिपूर्ण ब्राउज़िंग अनुभव प्राप्त होगा।

क्रोम का नया स्मार्ट अलर्ट कंट्रोल कैसे कार्य करेगा

गूगल के अनुसार, यह नई सुविधा Safety Check सिस्टम पर आधारित है, जो पहले से ही निष्क्रिय वेबसाइटों की कैमरा और लोकेशन एक्सेस को हटा देता है। अब नोटिफिकेशन अनुमति भी इसी तरह से स्वचालित रूप से बंद हो जाएगी, लेकिन केवल उन वेबसाइटों के लिए जिनका यूजर एंगेजमेंट कम है और नोटिफिकेशन का आउटपुट अधिक है। गूगल के आंतरिक आंकड़ों के अनुसार, 99% नोटिफिकेशनों को यूजर्स द्वारा नजरअंदाज किया जाता है, जिससे ये अधिक उपयोगी नहीं रह जाते हैं।

यूजर्स को मिलेगा पूर्ण नियंत्रण और नोटिफिकेशन

गूगल ने स्पष्ट किया है कि यह बदलाव सभी साइट्स पर लागू नहीं होगा, बल्कि केवल उन वेबसाइटों पर लागू होगा जिनसे यूजर्स की बातचीत कम होती है। जब क्रोम नोटिफिकेशन अनुमति हटाएगा, तो यूजर को इसके बारे में सूचित किया जाएगा। इसके बाद भी, यूजर चाहे तो Safety Check या वेबसाइट पर जाकर नोटिफिकेशन फिर से चालू कर सकता है। इसके अलावा, जो यूजर्स पुरानी व्यवस्था पसंद करते हैं, वे इस स्वचालित फीचर को पूरी तरह से बंद भी कर सकते हैं।

नोटिफिकेशन ओवरलोड में कमी और बेहतर यूजर एंगेजमेंट

गूगल ने बताया कि इस सिस्टम के परीक्षण में नोटिफिकेशन ओवरलोड में काफी कमी आई है और कुल नोटिफिकेशन क्लिक पर इसका नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा है। बल्कि, कम नोटिफिकेशन भेजने वाली वेबसाइटों पर यूजर एंगेजमेंट में थोड़ा इजाफा भी हुआ है। यह फीचर गूगल की उस कोशिश का हिस्सा है जो यूजर्स को ब्राउज़िंग के दौरान अधिक नियंत्रण और बेहतर अनुभव देने की दिशा में है।