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FIITJEE विवाद: शिक्षकों की सैलरी न मिलने पर कई सेंटर्स बंद, छात्रों का भविष्य संकट में

FIITJEE के सेंटर्स के बंद होने से लाखों छात्रों का भविष्य संकट में है। शिक्षकों की सैलरी न मिलने के कारण कई सेंटर्स बंद हो गए हैं, जिससे छात्रों को कोचिंग की आवश्यकता के समय परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अभिभावक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और फीस वापस करने की मांग कर रहे हैं। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और इसके पीछे के कारण।
 

FIITJEE सेंटर्स में हंगामा और बंदी


हाल ही में, FIITJEE के सेंटर्स की एक ऑनलाइन मीटिंग में चेयरमैन का गुस्सा सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वीडियो में उन्होंने शिक्षकों को गालियां दीं, जिसके बाद कई सेंटर्स बंद होने की खबरें आईं।


लखनऊ, भोपाल, वाराणसी, मेरठ और दिल्ली-NCR में सेंटर्स बंद हो गए हैं। नोएडा में तोड़फोड़ और विरोध प्रदर्शन की घटनाएं भी सामने आई हैं। ऐसे समय में जब बोर्ड परीक्षाएं नजदीक हैं, हजारों छात्रों का भविष्य संकट में है।


छात्रों की स्थिति चिंताजनक है, क्योंकि उन्हें शिक्षकों की सबसे ज्यादा आवश्यकता है। वे सड़कों पर परेशान हैं और अपने अभिभावकों के साथ सेंटर्स और पुलिस थाने के चक्कर काट रहे हैं।


FIITJEE का परिचय और छात्रों का सपना

FIITJEE, जिसका पूरा नाम Forum of IIT-JEE है, की स्थापना 1992 में IIT दिल्ली के पूर्व छात्र DK गोयल ने की थी। यह कोचिंग संस्थान कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों को IIT और NIIT जैसी प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कराता है।


इन परीक्षाओं को पास करना लाखों छात्रों का सपना होता है, ताकि वे भविष्य में अच्छे इंजीनियर और डॉक्टर बन सकें। FIITJEE जैसे संस्थान मोटी फीस लेते हैं, लेकिन अब सेंटर्स बंद होने से छात्रों के सपनों पर ग्रहण लग गया है।


सेंटर्स बंद होने का कारण

FIITJEE के सेंटर्स के बंद होने से छात्रों और अभिभावकों में गुस्सा है। अभिभावकों का आरोप है कि कोचिंग ने पहले से फीस ले ली है, लेकिन पढ़ाई अधूरी है। अधिकारियों का कहना है कि शिक्षकों को सैलरी न मिलने के कारण उन्होंने सामूहिक रूप से नौकरी छोड़ दी।


नोएडा, गाजियाबाद, भोपाल, वाराणसी, दिल्ली और पटना में FIITJEE के सेंटर्स बंद हो गए हैं।


विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी

उत्तर भारत में FIITJEE के सेंटर्स के बाहर अभिभावकों ने विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि बिना सूचना के सेंटर्स बंद कर दिए गए हैं। अभिभावकों ने संस्थान के फाउंडर DK गोयल को 'चोर' बताते हुए नारेबाजी की और फीस वापस करने की मांग की।


शिक्षकों की सैलरी की समस्या

शिक्षकों का कहना है कि सैलरी न मिलने की समस्या पिछले तीन-चार साल से चल रही है। एक केमेस्ट्री शिक्षक ने बताया कि संस्थान ने कभी भी पूरा भुगतान नहीं किया और सैलरी में कटौती की जाती रही।


अगले कोचिंग सत्र से पहले कई शिक्षकों ने नौकरी छोड़ दी है, क्योंकि उन्हें अन्य संस्थानों से बेहतर प्रस्ताव मिले हैं।


पुलिस में शिकायतें

नोएडा में प्रदर्शन कर रहे एक अभिभावक ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। मेरठ और गाजियाबाद में भी अभिभावकों ने ठगी के आरोप में शिकायतें की हैं। गाजियाबाद में DIOS ने पाया कि कोचिंग ने अपना रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था, जिसके बाद प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।