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DRDO का पिनाका रॉकेट परीक्षण: चीन और पाकिस्तान की चिंता बढ़ी

DRDO ने पिनाका लॉन्ग रेंज गाइडेड रॉकेट का सफल परीक्षण किया है, जो भारतीय सशस्त्र बलों की ताकत को बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित होगा। यह परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर में हुआ, जहां रॉकेट ने 120 किलोमीटर की दूरी पर सटीकता से लक्ष्य को भेदने में सफलता प्राप्त की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि पर DRDO को बधाई दी है, जिससे पड़ोसी देशों चीन और पाकिस्तान की चिंता बढ़ गई है। इस लेख में जानें इस परीक्षण की विशेषताएँ और इसके महत्व के बारे में।
 

पिनाका लॉन्ग रेंज गाइडेड रॉकेट का सफल परीक्षण

पिनाका रॉकेट.

भारत ने अपनी रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करते हुए पिनाका लॉन्ग रेंज गाइडेड रॉकेट (LRGR-120) का पहला उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक संपन्न किया है। यह परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर में स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज में सोमवार को आयोजित किया गया। रॉकेट ने सभी निर्धारित मैन्यूवर को सफलतापूर्वक पूरा किया और अपने लक्ष्य को सटीकता से भेदने में सफल रहा।

परीक्षण के दौरान, रॉकेट को उसकी अधिकतम 120 किलोमीटर की रेंज तक दागा गया। उड़ान के दौरान, रॉकेट ने सभी निर्धारित मोड़ और तकनीकी प्रक्रियाओं को सफलतापूर्वक पूरा किया और अंत में सटीकता के साथ लक्ष्य पर वार किया। परीक्षण के दौरान रेंज पर लगे सभी उपकरणों ने रॉकेट की उड़ान को पूरी तरह से ट्रैक किया। यह रॉकेट 120 किमी दूर स्थित दुश्मनों को निशाना बनाने में सक्षम है।

पिनाका लॉन्चर से दागा गया रॉकेट

पिनाका लॉन्ग रेंज गाइडेड रॉकेट को DRDO (Defence Research and Development Organisation) की आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टैब्लिशमेंट द्वारा डिजाइन किया गया है, जिसमें हाई एनर्जी मैटीरियल्स रिसर्च लैब, डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट लैब और रिसर्च सेंटर का सहयोग शामिल है। इस उड़ान परीक्षण को ITR और प्रूफ एंड एक्सपेरिमेंटल एस्टैब्लिशमेंट द्वारा किया गया। खास बात यह है कि रॉकेट को पहले से मौजूद पिनाका लॉन्चर से दागा गया, जिससे इसकी बहुपरकारी क्षमता सिद्ध हुई। भारत के इस कदम से पड़ोसी देशों पाकिस्तान और चीन की चिंता बढ़ गई है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि पर DRDO को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि लंबी दूरी के गाइडेड रॉकेट का सफल विकास भारतीय सशस्त्र बलों की ताकत को बढ़ाएगा और यह एक गेम चेंजर साबित होगा। इस अवसर पर DRDO के प्रमुख और रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव डॉ. समीर वी कामत भी उपस्थित थे, जिन्होंने सभी वैज्ञानिकों और टीमों को मिशन की सफलता के लिए बधाई दी।